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Spinal Cerebellar Ataxia:...इस वजह से युवावस्था में भी हाथ-पैर लग जाते हैं कांपने

बुजुर्गों में जब हाथ-पैर कांपने की अक्सर समस्या देखने को मिलती है, तो लोग सहज ही कह देते हैं कि ऐसा बढ़ती उम्र की वजह से हो रहा है। लेकिन, जब यही समस्या युवाओं में भी देखने को मिलती है, तो लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल उठते हैं।

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Mukesh Pandit
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Health: बुजुर्गों में जब हाथ-पैर कांपने की समस्या देखने को मिलती है, तो लोग सहज ही कह देते हैं कि ऐसा बढ़ती उम्र की वजह से हो रहा है। लेकिन, जब यही समस्या युवाओं में भी देखने को मिलती है, तो लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल उठते हैं। मसलन, कम उम्र के किसी युवा का शरीर कैसे कांप सकता है? आखिर उसे कौन सी बीमारी है? इससे कैसे छुटकारा पाएं? इन्हीं सवालों को लेकर आईएएनएस ने फोर्टिस अस्पताल के डॉ. ध्रुव जुत्शी से खास बातचीत की। 

एसेंशियल ट्रेमर है बुजुर्गों में हाथ कांपने की वजह

डॉ. जुत्शी ने बताया कि आमतौर पर बुजुर्गों में हाथ-पैर कांपने की समस्या एसेंशियल ट्रेमर की वजह से देखने को मिलती है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब किसी बुजुर्ग का हाथ काफी देर तक स्थिर होता है। यह अक्सर एक्टिविटी पर आधारित होता है, लेकिन कई बार जेनेटिक भी हो सकता है। कई बार जब परिवार में किसी सदस्य को इस तरह की समस्या होती है, तो युवावस्था में भी इस तरह की समस्या हो जाती है। ऐसे लोगों में हाथ-पैरों में कंपन चीजें पकड़ने या काम करने के दौरान होती हैं।

स्पाइनल सेरेबेलर एटैक्सिया से जवानी में कांपते हैं हाथ

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डॉक्टर बताते हैं कि एक जेनेटिक कंडिशन होती है, जिसे स्पाइनल सेरेबेलर एटैक्सिया कहा जाता है। इसमें भी जवानी में ही हाथों और पैरों में कंपन की समस्या देखने को मिलती है। ऐसी स्थिति में जब आगे चलकर यह बीमारी बढ़ जाती है, तो उन्हें अपना संतुलन स्थापित करने में भी दिक्कत होती है।

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हायपरथायरॉइडिज्म की स्थिति

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इसके अलावा हायपरथायरॉइडिज्म की स्थिति में भी युवाओं में कंपन की समस्या देखने को मिलती है। अगर हमारे शरीर में काफी मात्रा में थायरॉइड बनना शुरू हो जाए, तब भी कंपन की समस्या पैदा हो सकती है। अगर इस तरह की स्थिति किसी युवा व्यक्ति में देखने को मिल रही है, तो उन्हें फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, नहीं तो आगे चलकर यह स्थिति गंभीर हो जाती है।

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नशा छोड़ने पर विथड्रॉअल सिंड्रोम

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डॉ. जुत्शी बताते हैं कि कई बार अचानक नशा छोड़ने पर विथड्रॉअल सिंड्रोम देखने को मिलते हैं। इस स्थिति में भी उनके शरीर में कंपन की समस्या देखने को मिलती है। लेकिन, यह कंपन उन लोगों से काफी अलग होती है, जो नशा नहीं कर रहे होते हैं। इन मरीजों में काफी ज्यादा एंग्जाइटी होती है। ऐसी स्थिति में अगर व्यक्ति खुद को नशे से दूर रखें, तो उसमें इस तरह की समस्या नहीं मिलेगी और उसके कंपन की समस्या खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि कंपन से बचने का सबसे सरल उपाय योग और व्यायाम है। अगर आप यह रोजाना करेंगे, तो निश्चित तौर पर आपको काफी हद तक अपने शरीर में सकारात्मक परिवर्तन महसूस होगा।

Input/आईएएनएस

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