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खाने में नमक का अहम रोल है। इसकी मात्रा कम या ज्यादा होने से खाने पर ही नहीं स्वास्थ्य पर भी असर पड सकता है। हाल ही में इसको लेकर द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) कार्डियोलॉजी में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई। इसमें वुहान यूनिवर्सिटी, चीन और जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने नमक को लेकर एक अध्ययन किया है जिसमें पाया गया है कि रोजाना इस्तेमाल करने वाले नमक की जगह कम सोडियम वाले नमक का इस्तेमाल करने से स्ट्रोक के जोखिम को 14 प्रतिशत तक और मृत्यु के जोखिम को 12 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
21 हजार लोगों पर किया शोध
स्वास्थ्य पर नमक के प्रभाव को जानने के लिए चीन के लगभग 600 गांवों से करीब 21,000 लोगों पर इसका अध्ययन किया। इसमें से करीब तीन-चौथाई लोगों को पहले स्ट्रोक आया था। उसमें करीब 90 फीसदी लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे और उन्हें हाई बीपी की शिकायत थी।
शोधकर्ताओं ने कहा, "नमक की बजाय कुछ और इस्तेमाल करने से स्ट्रोक के जोखिम में 14 प्रतिशत की कमी आई और मृत्यु दर में 12 प्रतिशत की कमी आई।" कम सोडियम वाले नमक का उपयोग वालों में 16.8 प्रतिशत तक स्ट्रोक की संभावना काफी कम पाई गई है।
WHO के अनुसार- कितना नमक है सही
हृदय रोग की रोकथाम के लिए नियमित नमक की सलाह दी जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रतिदिन पांच ग्राम से कम नमक या लगभग दो ग्राम सोडियम के सेवन की सलाह दी है। नमक के कई ऑप्शन हैं जिनमें पोटेशियम और सोडियम का कम स्तर होता है।
पहले के अध्ययनों से पता चलता है कि सोडियम का सेवन कम करने और पोटेशियम की खुराक लेने से ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है। इससे स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है।
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