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yogaasanas Photograph: (ians)
नई दिल्ली। लिवर शरीर का सबसे अहम अंग है, जो विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। योग के माध्यम से लिवर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स किया जा सकता है। भुजंगासन, धनुरासन, मत्य्स्यासन और त्रिकोणासन जैसे योगासन लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और उसमें जमे टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करने से पाचन सुधरता है, त्वचा निखरती है और ऊर्जा स्तर भी बढ़ता है। साथ ही, सही आहार और पर्याप्त पानी का सेवन लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
लिवर की समस्याएं
बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण लिवर की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय लिवर को हेल्दी, फिट और डिटॉक्स रखने के लिए पांच खास योगासनों को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है। इन पांचों आसनों के प्रतिदिन 20-30 मिनट अभ्यास से लिवर स्वस्थ रहेगा।
इन आसनों के नियमित अभ्यास
मंत्रालय के अनुसार, त्रिकोणासन, धनुरासन, भुजंगासन, अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन और सलंब भुजंगासन का नियमित अभ्यास लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। ये आसन न केवल लिवर को डिटॉक्स करते हैं, बल्कि पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं।
त्रिकोणासन
यह आसन लिवर और पेट के अंगों पर दबाव डालकर डिटॉक्स प्रक्रिया को तेज करता है। त्रिकोणासन लिवर के लिए बेहद उपयोगी है। इसे करने के लिए ताड़ासन में खड़े हो जाएं। दोनों पैरों को 3-4 फीट दूर फैलाएं। दाएं पैर को 90 डिग्री बाहर और बाएं पैर को थोड़ा अंदर मोड़ें। दोनों हाथ कंधे की सीध में फैलाएं। अब दाईं ओर झुककर दाहिने हाथ से पैर या टखने को छूएं। बायां हाथ ऊपर रखें। 20-30 सेकंड रुकें, फिर दूसरी ओर दोहराएं।
धनुरासन
धनुरासन पेट की चर्बी घटाने और लिवर को सक्रिय करने में मदद करता है। जमीन पर पेट के बल लेटें। घुटनों को मोड़कर पैरों को हाथों से पकड़ें। सांस भरते हुए छाती और जांघों को ऊपर उठाएं, शरीर धनुष की आकृति में आए। 15-20 सेकंड रुकें। यह आसन लिवर पर हल्का मसाज करता है, जिससे विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और पाचन सुधरता है।
भुजंगासन
भुजंगासन लिवर की सूजन कम करने में कारगर है। पेट के बल लेटकर हथेलियां कंधों के पास रखें। सांस भरते हुए ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं, कमर से नीचे का हिस्सा जमीन पर रहे। 15-20 सेकंड रुकें। यह आसन लिवर और पेट पर खिंचाव डालता है, जिससे रक्त संचार बढ़ता है और डिटॉक्स प्रक्रिया तेज होती है।
अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन
अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन लिवर को टॉनिक का काम करता है। जमीन पर बैठकर दाया पैर बाएं जांघ के बाहर रखें। बायां पैर दाएं घुटने के नीचे से निकालें। दाएं हाथ को पीठ के पीछे ले जाएं और बाएं घुटने को पकड़ें। मुड़कर 20-30 सेकंड रुकें। दूसरी ओर दोहराएं। यह आसन लिवर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में सहायक है और पाचन रसों को सक्रिय करता है।
सलंब भुजंगासन
सलंब भुजंगासन लिवर की सफाई के लिए यह अंतिम चरण है। पेट के बल लेटकर कोहनियां मोड़ें, हथेलियां कंधों के पास रखें। सांस भरते हुए केवल छाती तक ऊपर उठें, सिर ऊपर रखें। 15-20 सेकंड रुकें। यह आसन लिवर पर हल्का दबाव डालकर उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है और पूरे पेट क्षेत्र को डिटॉक्स करता है।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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