नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
पूरी दुनिया में कैंसर एक बढती हुई बीमारी है। इस बीमारी के खतरनाक होने की सबसे बडी वजह ये भी है कि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं खोजा गया है। इसको साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। यह दिन बीमारी से लड़ने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयासों को मजबूत करने का एक खास मौका देता है।
कैंसर आज दुनिया भर में मौत के बड़े कारणों में से एक है और इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। विश्व कैंसर दिवस का उद्देश्य न केवल लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है, बल्कि इसके बचाव, उपचार और रोकथाम के लिए मिले-जुले प्रयासों को बढ़ावा देना भी है।
कब से हुई शुरुआत
कैंसर डे मनाने की शुरुआत 4 फरवरी 2000 को हुई थी। दुनिया इसके बारे में जान सके और समय पर उसकी रोकथाम की जा सके इसलिए यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) ने इसकी स्थापना की थी।
कैंसर डे 2025 की थीम
साल 2025 में विश्व कैंसर दिवस की थीम 'यूनाइटेड बाय यूनिक' है। यह थीम लोगों को यह बताने के लिए रखी गई है कि कैंसर से लड़ाई में हर व्यक्ति अपना योगदान दे सकता है।
विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फ़रवरी को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को जागरूक करना और कैंसर के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को बढ़ावा देना है।
एक कप कॉफी कैंसर के लिए है काफी
कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट, कैफीन और बायोएक्टिव होते हैं। ये शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करके कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाती है। कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड और कैटेचिन्स जैसे तत्व होते हैं, जो कैंसर सेल्स को शरीर में पनपने नहीं देती हैं। रोजाना एक कप कॉफी से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। यह कैंसर के साथ अन्य बीमारियों से भी बचाती है।