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योगासन जो जेठ की गर्मी में कराएंगे शीतलता का एहसास, मन मस्तिष्क को रखेंगे शांत

जेठ के तपते महीने का आगाज होने ही वाला है। सुबह भी गर्म होगी और शाम भी हसीन नहीं होगी। ज्यों-ज्यों गर्मी बढ़ती है, त्यों-त्यों हमारे लिए जरूरी हो जाता है कि हम शरीर के कूलिंग सिस्टम पर भी तवज्जो दें।

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Mukesh Pandit
Yagasan mathod
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जेठ के तपते महीने का आगाज होने ही वाला है। सुबह भी गर्म होगी और शाम भी हसीन नहीं होगी। ज्यों-ज्यों गर्मी बढ़ती है, त्यों-त्यों हमारे लिए जरूरी हो जाता है कि हम शरीर के कूलिंग सिस्टम पर भी तवज्जो दें, ऐसे उपाय करें जिससे ठंडक का एहसास हो और तपता मौसम भी कुछ न बिगाड़ पाए। : Digital health care | HEALTH | get healthy | breaking health update | get healthy body 

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बदलते ऋतु चक्र में कुछ योगासन आपकी समस्या का हल हो सकते हैं। प्राचीन योग आधारित ग्रंथों में यूं तो कई प्राणायाम और आसनों का जिक्र है, लेकिन हम बात करते हैं दो ऐसे आसनों की जिन्हें किया तो शरीर की शीतलता बरकरार रहेगी और ये किसी भी उम्र के लिए सटीक हैं।

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बालासन- इसका उल्लेख पतंजलि योग सूत्र में

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बालासन- इसका उल्लेख पतंजलि योग सूत्र के अष्टांग योग से संबंधित माना जाता है, जो ईश्वर प्रणिधान (ईश्वर में समर्पण) के सिद्धांत का अभ्यास करता है। बालासन करने का तरीका- घुटनों के बल बैठें, एड़ियों को अलग रखें। फिर अपने पंजों को आपस में छूते हुए एड़ियों पर बैठ जाएं। सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने माथे को चटाई या मुलायम कुशन पर टिका दें। हाथों को आगे की ओर फैलाया जा सकता है या शरीर के साथ-साथ रखा जा सकता है।

बालासन के भी दो विकल्प 

बालासन के भी दो विकल्प हैं- जिसमें घुटनों को जोड़ा जाता है। ये आसन मन मस्तिष्क को शांत रखता है और अभ्यास करने वाले को आत्मनिरिक्षण करने को प्रेरित करता है। वहीं दूसरे में घुटनों को आपस में न मिलाकर बैठें, इससे पेट और छाती में जगह बनती है और सांस का प्रवाह बढ़ता है।

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नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने का संकेत 

जब हम आगे की ओर झुकते हैं और सिर नीचे करते हैं, तो हम नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने का संकेत देते हैं। ब्लड प्रेशर को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है। चौड़े घुटने वाला बदलाव विशेष रूप से पाचन में सहायता करता है। अक्सर गर्मियों में हम पेट की तकलीफ से जूझते हैं, ये आसन उसे कम करने में मदद करता है।

अर्ध मत्स्येंद्रासन- ये हठ योग की प्राचीन परंपरा 

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अर्ध मत्स्येंद्रासन- ये हठ योग की प्राचीन परंपरा का अंग है। आयुष मंत्रालय ने इंस्टाग्राम पोस्ट में इस आसन की सटीक जानकारी दी है। जिसके मुताबिक अर्ध मत्स्येन्द्रासन आसन वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। इससे उनकी एड्रिनल ग्रंथि की स्थिति में सुधार होता है। साथ ही, यह आसन कब्ज, दमा, और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, वही जिससे गर्मियों में लोग ज्यादातर परेशान रहते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है। यह आसन करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श करना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि सही तरीके से आसन करने की सलाह मिल सके।

योगा मैट पर पैर क्रॉस कर बैठें

इसे करने के लिए योगा मैट पर पैर क्रॉस कर बैठें। धड़ को बाईं ओर घुमाएं और दाएं हाथ से बाएं घुटने को छूएं। शरीर को मैट से ऊपर नहीं उठाना है। योग का अहम सूत्र है कि इसे दोपहर में न करें। आसन सूर्योदय या सूर्यास्त के समय करें। गर्मी जब सिर पर हो यानी चरम हो तो दोपहर के सत्र से बचें और एक अहम बात, कुशल योग प्रशिक्षक से सलाह जरूर लें।

 

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