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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।ईरान पर हुए इजाइली हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 'जिससे पहले कि कुछ भी न बचे, ईरान को समझौता करना ही होगा।' इजराइल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़ा हमला किया है।
क्या है राष्ट्रपति ट्रंप की 60 दिन की समय-सीमा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वर्ष के शुरू में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को पत्र लिख कर ईरान डील वार्ता को सफल बनाने के लिए 60 दिन की समय-सीमा तय की थी। 12 अप्रैल को अमेरिका और ईरान के बीच ईरान डील वार्ता का पहला दौर शुरू होने के साथ ही समय-सीमा शुरू हो गई थी। 60 दिन की अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई।
खामनेई को पत्र में चेतावनी भी दी थी
ट्रम्प ने शुक्रवार सुबह सीएनएन से कहा, 'जब मैंने कहा था कि ईरान को मेरी बात सुननी चाहिए, तब आप जानते हैं कि मैंने उन्हें 60 दिन की चेतावनी दी थी और आज 61वां दिन है।' ट्रंप ने इस वर्ष के शुरू में खामेनेई को लिखे पत्र के बारे में पहली बार बात करते समय ईरान को संभावित सैन्य कार्रवाई के बारे में चेतावनी भी जारी की थी।
पत्र में कहा था, सैन्य रूप से आगे बढ़ना पड़ा तो भयानक बात होगी
मैंने उन्हें एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मुझे उम्मीद है कि आप बातचीत करने जा रहे हैं। यह ईरान के लिए बहुत बेहतर होने वाला है। क्योंकि अगर हमें सैन्य रूप से आगे बढ़ना पड़ा, तो यह उनके लिए एक भयानक बात होगी। इसी साल के शुरू में एक फॉक्स साक्षात्कार में भी ट्रंप ने अपने उस पत्र का संदर्भ दिया था।
अमेरिकी अधिकारियों ने समय-सीमा जारी रहने की बात कही थी
अमेरिकी अधिकारियों और ईरान डील वार्ता में शामिल लोगों को पता था कि जैसे-जैसे समय-सीमा नजदीक आ रही है, हाल के हफ्तों में डील को सुरक्षित करने के लिए दबाव बढ़ रहा है। लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि ईरान डील वार्ता 60 दिन की समय-सीमा से आगे भी जारी रहेगी।
इजराइल के हमले के बाद वार्ता का भविष्य अनिश्चित
अब ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर इजराइल के हमले के बाद, भले ही अमेरिकी अधिकारी वार्ता जारी रखने के लिए जोर दे रहे हों, वार्ता का भविष्य अनिश्चित है।