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America का भरोसेमंद साथी बना Pakistan, आसिम मुनीर को भेजा न्यौता! जयराम रमेश ने खड़े किए सवाल

अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना 'भरोसेमंद साथी' बताया है। इतना ही नहीं, जनरल आसिम मुनीर को सैन्य परेड में न्यौता दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस पर सवाल उठाए हैं।

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Pratiksha Parashar
jairam ramesh, america, pakistan, asim munir
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। 'आतंकवाद का सरगना' कहा जाने वाला 'पाकिस्तान' अब आतंक के खिलाफ जंग में अमेरिका का 'भरोसेमंद साथी' बन गया है। आतंकियों को पालने वाला पाकिस्तान, अमेरिका की नजर में आतंकवाद से पीड़ित देश है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अध्यक्ष माइकल कुरिला ने कहा कि पाकिस्तान हमारा अभूतपूर्व साथी है। इतना ही नहीं अमेरिका ने अपनी सैन्य परेड में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के जनरल आसिम मुनीर को न्यौता दिया है। इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अमेरिका की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

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अमेरिका की सैन्य परेड में मुनीर को न्योता

रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका की सेना के 250वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 14 जून को वाशिंगटन डीसी में आयोजित भव्य सैन्य परेड में जनरल आसिम मुनीर को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इस समारोह में दुनियाभर की सेनाओं के शीर्ष कमांडर शामिल होंगे, और मुनीर की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि अमेरिका अब पाकिस्तान को एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देख रहा है। 

जयराम रमेश ने उठाए सवाल

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इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का बयान सामने आया है। जयराम रमेश ने कहा, "अमेरिका की क्या सोच और मंशा है, उस पर कई सवाल खड़े होते हैं। कल अमेरिका से भारत की राजनीतिक कूटनीति को 3 बड़े झटके मिले हैं। पहला धक्का था कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अध्यक्ष माइकल कुरिला ने कहा कि पाकिस्तान हमारा अभूतपूर्व साथी है। दूसरा धक्का था असीम मुनीर को 16 जून को होने वाले अमेरिकी सेना दिवस पर विशेष निमंत्रण भेजा गया है। उनके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हुआ है, ये चेतावनी और चुनौती है। हमें इसे समझना चाहिए और इसका सामना करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।"

जनरल माइकल कुरीला का बयान

दरअसल, पाकिस्तान ने हाल ही में कुछ बड़े आईएसआईएस आतंकियों को पकड़कर अमेरिका को सौंपा है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरीला ने अमेरिकी कांग्रेस की एक कमेटी के सामने गवाही देते हुए पाकिस्तान की सराहना की। उन्होंने बताया कि 2024 के बाद से पाकिस्तान के अफगानिस्तान से सटे क्षेत्रों में करीब 1,000 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 700 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक और 2,500 नागरिक मारे गए। जनरल कुरीला के अनुसार, इन हमलों के पीछे वे आतंकी संगठन हैं, जो तालिबान शासन से डरकर अफगानिस्तान से भागकर पाकिस्तान में घुस आए हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों से लड़ रही है और इस लड़ाई में अमेरिका का साथ दे रही है।

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आसिम मुनीर की सराहना

जनरल कुरीला ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की भी खुले तौर पर तारीफ की। उन्होंने कहा कि शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी के तुरंत बाद जनरल मुनीर ने खुद उन्हें फोन कर बताया कि पाकिस्तान उसे अमेरिका को सौंपने के लिए तैयार है। इस घटनाक्रम के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग और अधिक मजबूत होता दिख रहा है।

2021 का काबुल हमला और शरीफुल्लाह की भूमिका

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अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के दौरान 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में दर्जनों अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। अमेरिका ने इस हमले के लिए ISIS आतंकी शरीफुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया था। चार साल बाद पाकिस्तान ने उसे अफगान सीमा से गिरफ्तार कर अमेरिका को सौंप दिया, जिसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रति अपना रुख नरम कर लिया।

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