नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अमेरिका ने मध्य पूर्व से अपने कर्मचारियों को हटाना शुरू कर दिया है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि ईरान को किसी भी हाल में परमाणु हथियार विकसित नहीं करने दिए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान यूरेनियम संवर्धन बंद नहीं करता, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि ईरान के पास परमाणु बम नहीं हो सकता – यह बहुत ही स्पष्ट और सरल बात है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका क्षेत्र में बढ़ते खतरे को देखते हुए इराकी दूतावास से कुछ स्टाफ को हटा रहा है और सेना से जुड़े परिवारों को भी बाहर निकलने का निर्देश दिया गया है।
अमेरिका की सख्त चेतावनी और यात्रा पर प्रतिबंध
अमेरिकीविदेश विभाग ने मध्य पूर्व की यात्रा को लेकर ‘लेवल-4’ अलर्ट जारी किया है, जिसमें आतंकवाद, अपहरण, हथियारबंद संघर्ष और आंतरिक अस्थिरता को कारण बताया गया है। इराक को विशेष रूप से अत्यधिक खतरनाक घोषित किया गया है। इन घटनाओं के चलते बाजार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और तेल की कीमतों में 4% से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है।
इजरायल की सैन्य तैयारी और ईरान की चेतावनी
खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक इजरायल ईरान की परमाणु साइट्स पर हमले की तैयारी कर रहा है। उधर, ईरान के रक्षा मंत्री ने कहा है कि अगर उन पर हमला हुआ तो वे अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करेंगे। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने भी कहा कि अमेरिका को यह तय करने का कोई हक नहीं है कि ईरान को परमाणु कार्यक्रम रखना चाहिए या नहीं।
परमाणु वार्ता फिर अधर में
2025 में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान-अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ताएं (जैसे ओमान और रोम में) शुरू हुईं, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अमेरिका चाहता है कि ईरान पूरी तरह यूरेनियम संवर्धन बंद करे, जबकि ईरान इसे अपना अधिकार मानता है और प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहा है। ब्रिटिश नौसेना ने भी चेताया है कि बढ़ते तनाव के कारण खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य जैसे क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियाँ बढ़ सकती हैं, जिससे समुद्री व्यापार पर असर पड़ सकता है। donald trump