तेहरान, वाईबीएन नेटवर्क। बलूच विद्रोहियों ने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान के आठ मजदूरों की हत्या कर दी। यह घटना शनिवार यानी 12 अप्रैल को ईरान के मेहरिस्तान जिले के एक गांव में हुई। ईरानी अफसरों ने पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग पंजाब के बहावलपुर के रहने वाले थे और कारों की मरम्मत वाली एक वर्कशॉप पर काम करते थे। बता दें कि पिछले तीन महीने में तीसरा बड़ा हमला है।
हाथ-पैर बांधकर मारी गोलियां
शनिवार रात कुछ हथियारबंद लोग एक कार रिपेयर वर्कशॉप में घुसे। ये वर्कशॉप 8 पाकिस्तानी मजदूरों का ठिकाना था, जो पंजाब के बहावलपुर शहर से थे। आतंकियों ने पहले मजदूरों के हाथ-पैर रस्सियों से बांधे, फिर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। आठों मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद हमलावर फरार हो गए। ये मजदूर वर्कशॉप में ही रहते थे और कारों को पेंट करने, ठीक करने का काम करते थे। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर कहा- ये अमानवीय और कायराना हरकत है। हम ईरान से पूरी जांच और दोषियों को सजा देने की मांग करते हैं।
किसने ली इस हत्याकांड की जिम्मेदारी
बलूचिस्तान नेशनल आर्मी (BNA) नाम के एक प्रतिबंधित संगठन ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। ये समूह बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन चला रहा है और लंबे समय से हिंसक हमले करता रहा है। पाकिस्तान ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले को ‘आतंक की क्रूर हरकत’ बताते हुए गहरा दुख जताया। उन्होंने ईरान से मांग की कि हमलावरों को जल्द पकड़ा जाए और सजा दी जाए। साथ ही, हमले के पीछे का मकसद भी सामने लाया जाए। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ईरान में अपने नागरिकों की अमानवीय और कायरतापूर्ण हत्या की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है। हम मामले की जांच और पीड़ितों के शवों को समय पर वापस भेजने में ईरानी पक्ष के पूर्ण सहयोग की उम्मीद करते हैं।’
बीते साल 9 को उतारा था मौत के घाट
ईरानी पुलिस ने इस हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है। ईरान के पाकिस्तान में राजदूत रजा अमीरी ने हमले की निंदा की और कहा कि आतंकवाद क्षेत्र की शांति के लिए खतरा है। इसे रोकने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। ईरान ने वादा किया है कि वो पाकिस्तान के साथ मिलकर पीड़ितों के शवों को उनके देश भेजने में मदद करेगा। ये पहला मौका नहीं है जब सिस्तान-बलूचिस्तान में पाकिस्तानी मजदूरों को निशाना बनाया गया। पिछले साल जनवरी में सरावन शहर में 9 पाकिस्तानी मोटर मैकेनिकों को इसी तरह मार डाला गया था। उस वक्त भी वे एक वर्कशॉप में रह रहे थे। ये इलाका लंबे समय से अशांत है। सिस्तान-बलूचिस्तान और पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत दोनों ही बलूच अलगाववादियों का गढ़ हैं।