Mehul Choksi News | Mehul Choksi Arrest | आतंकी
Tahawwur Rana को अमेरिका से प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाए जाने के तुरंत बाद बेल्जियम में
Mehul Choksi की गिरफ्तारी भारत के लिए बड़ी उम्मीद है, लेकिन कुछ पेंच ऐसे हैं जिनके चलते
मेहुल चोकसी को भारत लाना आसान नहीं होगा। हालांकि बेल्जियम पुलिस ने भारतीय एजेंसियों, सीबीआई और ईडी के निवेदन पर ही इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया है। इस गिरफ्तारी से भारतीयों को उम्मीद जगी है कि भारत के दुश्मनों को चुन - चुनकर भारत लाया जाएगा और पीएम मोदी की वह बात भी पूरी होगी जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का एक भी पैसा किसी ने खाया है तो सूद समेत लौटाना पड़ेगा।
प्रत्यर्पण के लिए जारी हैं कोशिशें
भारत की ओर से देश से बाहर शरण लेने वाले भगौड़ों और आतंकवादियों के खिलाफ प्रत्यर्पण के लिए तमाम मोर्चे खोले हुए हैं। सरकार हर कोशिश कर रही है। पिछले साल सरकार ने संसद में बताया था कि इस तरह के मामलों में 178 देशों से अनुरोध किए गए थे, और 23 प्रत्यर्पण हो भी चुके। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण अब तक का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है। तहव्वुर राणा 2008 में हुए मुंबई हमलों का मास्टर माइंड है। फिलहाल वह एनआईए की कस्टडी में है।
4000 से अधिक स्टोर्स का मालिक था मेहुल चोकसी
4000 हजार से अधिक स्टोर्स वाले गीतांजलि समूह के मालिक मेहुल चोकसी ने अपने भांजे नीरव मोदी के साथ मिलकर साढ़े 13 करोड़ के पीएनबी घोटाले को अंजाम दिया था। जनवरी, 2018 में दोनों घोटाले का खुलासा होने से पहले ही देश छोड़कर भाग गए थे। नीरव मोदी लंदन में है, जबकि बेल्जियम नागरिक पत्नी के साथ रह रहे मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया। कैंसर पीड़ित मेहुल बेल्जियम से स्विजरलैंड भागने की फिराक में था, यह इनपुट सीबीआई ने बेल्जियम की एजेंसियों के साथ शेयर किया था, इसी इनपुट के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है। अब भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यार्पण के प्रयास में जुट गई हैं।
विदेशों में संपत्ति पर ईडी की नजर
विदेशों में मेहुल चोकसी द्वारा बनाई गई संपत्ति पर ईडी की नजर है। थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, जापान और अमेरिका जैसे देशों में मेहुल की अकूत संपत्ति है। ईडी इस प्रयास में है कि विदेशों में मेहुल की संपत्ति को बेचकर पैसा भारत लाया जाए और उस पैसे से मेहुल के शिकार हुए लोगों की भरपाई कराई जाए। इस संबंध में ईडी कई देशों से संपर्क में हैं और बराबर अपने प्रयास जारी रखे हुए है।
भागने से पहले ले ली थी एंटीगुआ की नागरिकता
मेहुल चोकसी ने सब कुछ बड़े योजनाबद्ध तरीके से किया। उसने घोटाला करने के साथ ही यह भी तय कर लिया था कि वह भारत छोड़ देगा। इसी उद्देश्य से 2017 में मेहुल ने एंटीगुआ की नागरिकता प्राप्त कर ली थी। जनवरी, 2018 में भारत से भागकर अमेरिका पहुंचा और फिर एंटीगुआ चला गया। घोटाले का खुलासे उसके बाद हुआ। भारत ने इंटरपोल से दिसंबर, 2018 में मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया था।
एंटीगुआ से भी हुई थी प्रत्यर्पण की बात
भारतीय एजेंसियों द्वारा मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में शरण लेने के इनपुट के बाद वहां की सरकार से संपर्क स्थापित किया और
प्रत्यर्पण का निवेदन भी किया। यह बात है 2021 की। उस समय एंटीगुआ ने कहा था कि 2027 से पहले यह संभव नहीं है, लेकिन मई, 2021 में ही वह एंटीगुआ से लापता हो गया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां बराबर नजर बनाए हुए थीं। पता चला कि मेहुल एंटीगुआ से भागकर डोमिनिका पहुंचा है, जहां उसने भारतीय एजेंटों पर अपहरण और प्रताड़ना के आरोप भी लगाए थे। जुलाई, 2021 में डोमेनिका की अदालत से उसे एंटीगुआ लौटने की अनुमति मिल गई और मार्च, 2023 आते- आते भारत के द्वारा जारी कराया गया इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी एक्सपायर हो गया। हालांकि भारतीय एजेंसियों ने कोशिशें जारी रखीं और अंततः अब मेहुल चोकसी बेल्जियम की जेल में है।
भारतीय एजेंसियों की पैरवी से हुई गिरफ्तारी
मेहुल चोकसी कैंसर का इलाज कराने के नाम पर अपनी पत्नी के पास बेल्जियम पहुंचा था, पत्नी प्रीति चोकसी बेल्जिमय की नागरिक है। उसने अपनी नागरिकता की जानकारी भी बेल्जियम सरकार को नहीं दी थी। मेहुल पर नजर रख रहीं भारतीय एजेंसियों ने पूरे तथ्यों से बेल्जियम प्रशासन को अवगत कराया। भारतीय एजेंसियों के तथ्यों से संतुष्ट होने के बाद बेल्जियम में उसकी गिरफ्तारी हुई है। इस गिरफ्तारी में मुंबई की कोर्ट से जारी वारंट को आधार बनाया गया है।
बीमारी के बहाने जमानत की कोशिश करेगा
मेहुल चोकसी कैंसर पीड़ित है और यही बात उसके पक्ष में जा सकती है। वह भी बेल्जियम में बीमारी के आधार पर जमानत की कोशिश करेगा हालांकि भारतीय एजेंसियां उसकी जमानत का विरोध और Extradition का प्रयास करेंगी। मेहुल चोकसी को भारत लाने के लिए एजेंसियां हर संभव कोशिश करेंगी। मुंबई के मालाबार हिल में मेहुल के आलीशान घर को ईडी पहले ही जब्त कर चुकी है। मेहुल पर इस घर का सात साल का 63 लाख रुपये का मेंटेनेंस शुल्क बकाया है।