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पड़ोस में सरगर्मी : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री अब नहीं लड़ पाएंगी कोई चुनाव, राष्ट्रीय पहचान पत्र 'लॉक' किया

अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के राष्ट्रीय पहचान पत्र को 'लॉक' कर दिया है। इससे वह अगले साल फरवरी में होने वाले आम चुनावों में मतदान करने से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित हो गई हैं। उनके परिवार के सदस्य भी वोट नहीं डाल सकेंगे।

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Mukesh Pandit
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Photograph: (google)

ढाका, वाईबीएन डेस्क।भारत में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहीं बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बांग्लादेश में उनके मतदान अधिकार पर रोक लगा दी गई। इसका अर्थ है कि वो चुनाव लड़ने के भी योग्य नहीं रहेंगी। इससे पहले जुलाई में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अवमानना ​​के एक मामले में उनके खिलाफ छह महीने जेल की सजा सुनाई थी।

शेख हसीना का राष्ट्रीय पहचान पत्र 'लॉक' किया

बांग्लादेश के चुनाव आयोग (ईसी) ने बुधवार को कहा है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के राष्ट्रीय पहचान पत्र को 'लॉक' कर दिया है। इससे वह अगले साल फरवरी में होने वाले आम चुनावों में मतदान करने से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित हो गई हैं। आयोग के सचिव अख्तर अहमद ने यहां निर्वाचन भवन स्थित अपने कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, 'जिस किसी का राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईडी) लॉक हो गया है, वह विदेश से वोट नहीं दे सकता।' उन्होंने कहा, 'उनकी (हसीना की) एनआईडी बंद है।' उधर, चुनाव आयोग के सचिव ने स्पष्ट किया कि  जो लोग न्याय से बचने के लिए या अन्य कारणों से विदेश भाग गए हैं, वे अभी भी मतदान कर सकते हैं, बशर्ते कि उनके एनआईडी कार्ड सक्रिय रहें।

शेख हसीना के परिवार के अन्य सदस्यों की एनआईडी भी लॉक

प्रेस कांफ्रेंस में सचिव अख्तर अहमद ने किसी अन्य नाम का उल्लेख नहीं किया, लेकिन समाचार एजेंसी यूएनबी और ढाका ट्रिब्यून अखबार ने चुनाव आयोग के कुछ अनाम अधिकारियों के हवाले से बताया कि हसीना की छोटी बहन शेख रेहाना, बेटे सजीब वाजेद जॉय और बेटी साइमा वाजेद पुतुल के एनआईडी को भी 'लॉक' या 'ब्लॉक' कर दिया गया है। रेहाना के बच्चे ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक, अजमीना सिद्दीक और भतीजे रदवान मुजीब सिद्दीक बॉबी, उनके बहनोई और हसीना के पूर्व सुरक्षा सलाहकार सेवानिवृत्त मेजर जनरल तारिक अहमद सिद्दीकी, उनकी पत्नी शाहीन सिद्दीकी और उनकी बेटी बुशरा सिद्दीकी को भी कथित तौर पर मतदान करने से रोक दिया गया है।

ICT में चल रहा है मुकदमा

उल्लेखनीय है कि हसीना पर बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में उनकी गैर मौजूदगी में मुकदमा चलाया जा रहा है, जहां अभियोजकों ने जुलाई 2024 के विद्रोह के दौरान कथित अत्याचारों के लिए मृत्युदंड की मांग की है। अवामी लीग के अधिकांश वरिष्ठ नेता भूमिगत या निर्वासन में हैं, क्योंकि भीड़ ने उनकी संपत्तियों को आग लगा दी और तोड़फोड़ की, जिसमें बांग्लादेश के संस्थापक और हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान का 32 धानमंडी आवास भी शामिल है। 5 अगस्त 2024 को हसीना की अवामी लीग सरकार को तब गिरा दिया गया जब एक हिंसक छात्र आंदोलन के कारण उन्हें भारत भागने पर मजबूर होना पड़ा। Bangladesh | Bangladesh court | Bangladesh election 2026 | Bangladesh election  Bangladesh election date 

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