ढाका, आईएएनएस।
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि उनका देश भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है और वे इस बारे में हमेशा स्पष्ट रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हुसैन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय उच्चायोग जल्द ही बांग्लादेशियों को वीजा जारी करना फिर से शुरू कर देगा। बता दें कि पिछले वर्ष दक्षिण एशियाई देश में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद भारत ने बांग्लादेशियों को वीजा जारी करना बंद कर दिया था। इस विरोध प्रदर्शन के कारण दक्षिण एशियाई देश में हिंसा और दंगे भड़क उठे थे। भारत और बांग्लादेश के संबंध पूर्व पीएम शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद से बिगड़ने लगे थे। हसीना के देश छोड़ने के बाद से देश में अल्पसंख्यक समुदायों और उनके धार्मिक स्थलों पर निशाना साधे जाने लगा, जिसकी भारत ने आलोचना की।
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दोनों पक्षों के हित में होंगे आपसी रिश्ते
विदेश मामलों के सलाहकार ने बांग्लादेश सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस के विचारों को दोहराया। युनूस ने कहा था कि भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में पत्रकारों से बात करते हुए हुसैन ने कहा, हमारा रुख एकदम साफ और स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी आपसी सम्मान के आधार पर रचनात्मक कार्य संबंध की जरुरत पर जोर दिया है। बाकी बातें समय के साथ सामने आएंगी। दोनों पक्षों के अपने-अपने हित हैं और रिश्ते उसी के अनुसार विकसित होंगे।"
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भारत से जल्द वीजा शुरू होने की उम्मीद
भारतीय उच्चायोग की तरफ से वीजा सेवाओं की बहाली के बारे में किसी भी अपडेट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "ऐसी जानकारी भारत से आनी चाहिए। हमने वीजा संबंधी जटिलताएं पैदा नहीं की हैं। वीजा जारी करना एक संप्रभु विशेषाधिकार है। यदि कोई देश कुछ व्यक्तियों या समूहों को वीजा न देने का निर्णय लेता है, तो यह उसका अधिकार है, और कोई आपत्ति नहीं उठाई जा सकती। हमें उम्मीद है कि वे अपने निर्णय की जानकारी हमें देंगे और संभावित यात्रियों के लिए प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने की कोशिश करेंगे।"
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पिछले माह की थी विदेश मंत्री से भेंट
पिछले महीने हुसैन ने मस्कट में हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान भारत के विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। इस बैठक के दौरान, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतियों को पहचाना और उनसे निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर चर्चा की। भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, ईएएम जयशंकर ने कहा था कि यह महत्वपूर्ण है कि बांग्लादेश को आतंकवाद को सामान्य नहीं बनाना चाहिए।
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बैंकॉक में हो सकती पीएम मोदी से वार्ता
बैठक के बाद बांग्लादेशी मीडिया ने यह भी बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर और हुसैन ने द्विपक्षीय संबंधों के मौजूदा संदर्भ में उत्पन्न चुनौतियों को दूर करने के लिए काम करने के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने इस वर्ष के अंत में बैंकॉक में आयोजित होने वाले बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक के 'आयोजन के विषय' पर भी चर्चा की।