नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
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टैरिफ लगाने के ऐलान से पाकिस्तान में हाहाकार मचने की नौबत आ गई है। चीन पर अमेरिकी टैरिफ की मार पाकिस्तान तक पहुंच रही है। शेयर बाजार का बुरा हाल है, पाकिस्तान में “कुत्ते रो रहे हैं” जैसी स्थिति होने लगी है। हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान के शेयर बाजार में चीन से भी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका ने पाकिस्तान पर 29% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात कही है, हालांकि फिलहाल इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है। इसके बावजूद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है।
चीन में मार्केट की चाल सुस्त पड़ी
टैरिफ लागू होने से पहले चीन की स्टॉक मार्केट अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन अब उसकी रफ्तार धीमी हो गई है। शुक्रवार को शंघाई स्टॉक इंडेक्स में केवल 14 अंकों की मामूली बढ़त दर्ज हुई। बीते पांच दिनों में इसमें 3 सं 4 प्रतिशत की गिरावट आई है। साल की शुरुआत से अब तक इसका YTD रिटर्न -3.39 प्रतिशत रहा है। पिछले साल इस इंडेक्स ने 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 3,674.40 छुआ था, जो अब गिरकर 2,689.70 पर आ गया है।
पाकिस्तानी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
चीन पर टैरिफ लागू होने और पाकिस्तान पर संभावित 29 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद पाकिस्तानी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। पूरे सप्ताह बाजार का बुरा हाल देखा गया। सोमवार को हालात इतने खराब हो गए कि ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। बुधवार को KEC-100 इंडेक्स 2,640.95 अंक या 2.29 प्रतिशत गिरकर 112,891.48 पर पहुंच गया। शुक्रवार को भी PSK में भारी बेचैनी रही और यह 424.21 अंकों की गिरावट के साथ 115,765 पर बंद हुआ।
पाकिस्तान को भारी नुकसान का अनुमान
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर अमेरिका पाकिस्तान की वस्तुओं पर 29 प्रतिशत
टैरिफ लागू करता है, तो वित्त वर्ष 2025-26 में पाकिस्तान के निर्यात को करीब 564 मिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि सबसे खराब स्थिति में यह नुकसान बढ़कर 2.2 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बयान
इस बीच,
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने टैरिफ वॉर को लेकर कहा कि इसमें कोई विजेता नहीं होता। उन्होंने दोहराया कि चीन न कभी किसी पर निर्भर रहा है, न ही किसी से डरता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने कहा कि चीन ने बीते 70 वर्षों में आत्मनिर्भरता और संघर्ष के बल पर विकास किया है और वह किसी भी दबाव से डरने वाला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे वैश्विक हालात जैसे भी हों, चीन उम्मीदों से भरा रहेगा और अपने आंतरिक विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।