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बीजिंग, आईएएनएस। चीन-रूस संयुक्त समुद्री-2025 सैन्याभ्यास में शामिल चीन और रूस का नौसैनिक बेड़ा रविवार को रूस के व्लादिवोस्तोक बंदरगाह के पास समुद्री क्षेत्र के लिए रवाना हुआ। इससे जाहिर है कि संयुक्त सैन्याभ्यास का समुद्री अभ्यास चरण पूरी तरह से शुरू हो गया है। बताया जाता है कि रविवार को सुबह 5 बजे रूसी टगबोट और सैन्य बंदरगाह में सहायता कर्मियों के सहयोग से चीनी नौसेना का शीहू जहाज और रूस का बेलौसोव लाइफबोट सबसे पहले बंदरगाह से रवाना हुए। उसके बाद चीन और रूस के जंगी जहाजों ने रवाना होकर जल्दी से बेड़े का गठन किया और मिशन क्षेत्र की ओर निकले। बता दें कि यह युद्धाभ्यास 1 अगस्त से शुरु हो गया है।
तीन दिन का रहेगा सैन्य अभ्यास
इससे पहले चीनी और रूसी सेनाओं से बनी संयुक्त कमान ने सैन्याभ्यास की योजना और प्रस्ताव के अनुसार मानचित्र पर सैन्य सिमुलेशन किया और कई मुद्दों पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया था। योजना के अनुसार, चीन और रूस का नौसैनिक बेड़ा तीन दिवसीय समुद्री अभ्यास करेगा। इस दौरान पनडुब्बी बचाव, संयुक्त पनडुब्बी रोधी, वायु रक्षा व एंटी मिसाइल और समुद्री युद्ध आदि का अभ्यास किया जाएगा। इसके अलावा, हथियारों के व्यावहारिक प्रयोग का प्रशिक्षण किया जाएगा।
रूस और चीन कब से कर रहे हैं साझा सैन्य अभ्यास?
यह पहली बार नहीं है जब रूस और चीन ने साझा सैन्य अभ्यास किया है। 'सेंटर फॉर यूरोपियन पॉलिसी एनालिसिस' (CEPA) की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच यह सैन्य अभ्यास 2003 से शुरू हुआ था। समय के साथ इन अभ्यासों की संख्या में उतार-चढ़ाव आया है, लेकिन 2012 के बाद से ये अभ्यास लगातार बढ़े हैं। साल 2024 में 14 संयुक्त सैन्य अभ्यासों के साथ यह अपने चरम पर था। 'सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज' (CSIS) के मुताबिक, 2003 से लेकर अब तक रूस और चीन ने मिलकर 113 सैन्य अभ्यासों में भाग लिया है।