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चीन के विदेश मंत्री वांग यी की Pakistan में बैठक, सीपीईसी विस्तार पर चर्चा

चीन के विदेश मंत्री वांग यी काबुल होते हुए इस्लामाबाद पहुंचे और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के साथ छठे दौर की रणनीतिक बैठक की। दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग, सीपीईसी 2.0, व्यापार, आर्थिक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क: चीन के विदेश मंत्री वांग यी काबुल से होते हुए इस्लामाबाद पहुंचे, जहां उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री व उप प्रधानमंत्री इशाक डार के साथ बातचीत की। यह मुलाकात उसी समय आयोजित हुई जब भारतीय और रूसी विदेश मंत्री मॉस्को में बैठक कर रहे थे। वांग की यह यात्रा भारत में हुई उच्चस्तरीय वार्ताओं और अफगानिस्तान भ्रमण के बाद 20 अगस्त को पाकिस्तान के लिए आरंभ हुई थी।

सदाबहार रणनीतिक साझेदारी का किया औपचारिक समर्थन

इस्लामाबाद में दोनों मंत्रियों ने पाकिस्तान-चीन संबंधों के व्यापक पहलुओं, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों, CPEC 2.0, व्यापार, आर्थिक सहयोग, बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग तथा जनसंवाद जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की। दोनों नेताओं ने "सदाबहार रणनीतिक साझेदारी" का पुनः औपचारिक समर्थन करते हुए कहा कि यह मित्रता क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय परिप्रेक्ष्य में संवाद जारी रखने पर भी सहमति बनी।  इस यात्रा के दौरान वांग यी पाकिस्तान के राष्ट्रपति असिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से मुलाकात भी करेंगे। यह तीन वर्षों में वांग की दूसरी पाक यात्रा है, जो दोनों देशों की मजबूत होती कूटनीतिक और रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान-चीन सहयोग और कहावत “इसलामाबाद में थूक गया कोई असर नहीं” की तरह स्थायी है।

चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां

इस बैठक का भारत पर स्पष्ट प्रभाव होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि CPEC परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गुजरती है, जिसे भारत अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है और प्रारम्भ से ही इसका विरोध कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियां विशेषकर भारत-चीन सीमा तनाव और भारत-पाकिस्तान संबंधों में मौजूदा तनाव के बीच, भारत के लिए नई सुरक्षा चुनौतियां उत्पन्न कर सकती हैं। साथ ही काबुल में हुई त्रिपक्षीय बैठक में, चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने सीपीईसी का विस्तार अफगानिस्तान तक करने पर भी चर्चाएं कीं। चीन इस महत्वाकांक्षी परियोजना में अफगानिस्तान को भी शामिल करना चाहता है, जिसपर तालिबानी सरकार ने समर्थन जताया है। 
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