/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/20/KRCk7jpWMfk7we9jK2rv.jpg)
कैनबरा, वाईबीएन नेटवर्क। आस्ट्रेलिया में 3 मई को आम चुनाव हैं। इन चुनावों पर भारत सहित दुनिया के कई देशों की निगाहें लगी हुई हैं। भारतीय मूल के आस्ट्रेलियाई नागरिकों की भूमिका इन चुनावों में पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। करीब 8 लाख भारतीय मूल के मतदाता चुनाव में रंग जमाएंगे, जो कुल जनसंख्या का 3.1 प्रतिशत है। इस बार करीब 45 भारतवंशी उम्मीदवार विभिन्न दलों और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में हैं। कुछ सीटों पर भारतवंशी वोटरों का काफी प्रभाव है और वे निर्णायक भूमिका में हैं।
तीन साल में होते हैं चुनाव
संघीय चुनाव (Federal Election) कहा जाता है, हर तीन साल में आयोजित किए जाते हैं। ये चुनाव संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) और ऊपरी सदन (सीनेट) के सदस्यों को चुनने के लिए होते हैं। इस बार 03 मई को चुनाव होने हैं। आस्ट्रेलियाई संविधान के अनुसार, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स का कार्यकाल तीन साल का होता है, और पिछला चुनाव मई 2022 में हुआ था। आस्ट्रेलियाई निर्वाचन आयोग (Australian Electoral Commission)ने 03 मई की तारीख की घोषणा की है। ऑस्ट्रेलियाई संघीय चुनाव शनिवार 3 मई 2025 को ऑस्ट्रेलिया की 48वीं संसद के सदस्यों का चुनाव करने के लिए आयोजित किए जाएंगे। प्रतिनिधि सभा की सभी 150 सीटों और सीनेट की 76 में से 40 सीटों पर चुनाव होगा।
भारतवंशियों की चुनाव में संख्या बढ़ी
आस्ट्रेलिया के 2025 चुनाव में लेबर पार्टी, लिबरल-नेशनल गठबंधन, ग्रीन्स, और निर्दलीय उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। भारतीय मूल के उम्मीदवारों की संख्या इस बार बढ़ रही है और 45 भारतवंशी विभिन्न दलों के उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। भारतीय समुदाय की बढ़ती राजनीतिक सक्रियता आस्ट्रेलिया की बहुसांस्कृतिक राजनीति को और समृद्ध कर रही है।
आस्ट्रेलिया में मतदान अनिवार्य
आस्ट्रेलिया में मतदान अनिवार्य है, और 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को मतदान करना होता है। 2022 के चुनाव में, लगभग 1.7 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे, और 2025 में यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है। आस्ट्रेलिया की संसद में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 151 सीटें और सीनेट में 76 सीटें हैं। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में बहुमत (76 सीटें) हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन सरकार बनाती है। पिछली बार 90 प्रतिशत वोट टर्नआउट हुए था।
लेबर पार्टी ने बनाई थी पूर्ण बहुमत की सरकार
पिछले चुनाव में, लेबर पार्टी ने 77 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जबकि लिबरल-नेशनल गठबंधन को महज 58 सीटें मिली थीं। इसके अलावा, ग्रीन्स और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2025 के चुनाव में भी यही प्रमुख दल और कुछ नए खिलाड़ी मैदान में होंगे। international news | international law
आम चुनाव में शामिल प्रमुख दलों में शामिल हैं
ऑस्ट्रेलियन लेबर पार्टी (ALP): वर्तमान में सत्तारूढ़ पार्टी, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ (Anthony Albanese) कर रहे हैं। लेबर पार्टी सामाजिक कल्याण, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक समानता पर जोर देती है। यह पार्टी सभी 151 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
लिबरल-नेशनल गठबंधन (Coalition): इसमें लिबरल पार्टी और नेशनल पार्टी शामिल हैं, और इसका नेतृत्व पीटर डटन (Peter Dutton) कर रहे हैं। यह गठबंधन रूढ़िवादी नीतियों, जैसे कर कटौती और आर्थिक विकास, पर केंद्रित है। गठबंधन भी सभी निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगा।
द ग्रीन्स (Greens): पर्यावरण और सामाजिक न्याय पर केंद्रित यह पार्टी, जिसका नेतृत्व एडम बैंडट (Adam Bandt) कर रहे हैं, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में मजबूत है। ग्रीन्स चुनिंदा सीटों पर उम्मीदवार उतारते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है।
वन नेशन (One Nation): पॉलिन हैंसन (Pauline Hanson) के नेतृत्व में यह दक्षिणपंथी पार्टी आव्रजन विरोधी और राष्ट्रीय हितों पर जोर देती है। यह कुछ राज्यों, विशेष रूप से क्वींसलैंड में, प्रभावशाली है।
निर्दलीय उम्मीदवार (Independents): 2022 में कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी, जिनमें से कई को "टीयल इंडिपेंडेंट्स" (Teal Independents) कहा जाता है। ये उम्मीदवार जलवायु परिवर्तन और पारदर्शिता जैसे मुद्दों पर ध्यान देते हैं और 2025 में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
अन्य छोटे दल: यूनाइटेड ऑस्ट्रेलिया पार्टी (United Australia Party,लिबरल डेमोक्रेट्स, और कुछ क्षेत्रीय दल भी चुनाव में हिस्सा लेंगे।
भारतवंशी उम्मीदवार
आस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों की आबादी तेजी से बढ़ी है, और 2021 की जनगणना के अनुसार, लगभग 7.8 लाख भारतीय मूल के लोग देश में रहते हैं। यह आस्ट्रेलिया की कुल आबादी का लगभग 3.1% है। भारतीय समुदाय ने राजनीति में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की है, और कई भारतवंशी राजनेता विभिन्न दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रमुख भारतवंशी उम्मीदवारों के मैदान में होने की संभावना है।
भारतवंशी राजनेता:
ज़ैन एडम (Zaneta Mascarenhas): लेबर पार्टी की सांसद, जो 2022 में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की स्वान सीट से चुनी गई थीं। वह भारतीय मूल की पहली सांसदों में से एक हैं और 2025 में फिर से चुनाव लड़ सकती हैं।
लिसा सिंह (Lisa Singh): पूर्व सीनेटर और लेबर पार्टी की नेता, जो तस्मानिया से हैं। उनके माता-पिता भारतीय मूल के हैं, और वह 2025 में सीनेट या अन्य सीट के लिए उम्मीदवार हो सकती हैं।
डेव शर्मा (Dave Sharma): लिबरल पार्टी के पूर्व सांसद, जो न्यू साउथ वेल्स से हैं। वह 2022 में हार गए थे, लेकिन 2025 में सीनेट या हाउस सीट के लिए वापसी कर सकते हैं। उनके पिता भारतीय मूल के हैं।
कई भारतीय मूल के स्थानीय पार्षद और सामुदायिक नेता, जैसे पंजाबी, तमिल, और गुजराती समुदायों के प्रतिनिधि, छोटे दलों या निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।
भारतवंशी उम्मीदवारों की संख्या
2022 के चुनाव में, लगभग 10-12 भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने विभिन्न दलों और निर्दलीय के रूप में हिस्सा लिया था। 2025 में यह संख्या बढ़कर 45 पहुंच गई है। अनुमान है कि 40-45 भारतवंशी उम्मीदवार मैदान में हो सकते हैं, विशेष रूप से न्यू साउथ वेल्स, विक्टोरिया, और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया जैसे राज्यों में, जहां भारतीय आबादी अधिक है।
चुनाव में प्रमुख मुद्दे
आर्थिक प्रबंधन: जीवनयापन की बढ़ती लागत, मुद्रास्फीति, और ब्याज दरें प्रमुख चिंताएं हैं
जलवायु परिवर्तन: ग्रीन्स और टीयल इंडिपेंडेंट्स इस मुद्दे को प्रमुखता देंगे
आव्रजन और सांस्कृतिक विविधता: भारतीय समुदाय सहित अल्पसंख्यक समुदायों के लिए समावेशी नीतियां महत्वपूर्ण होंगी
स्वास्थ्य और शिक्षा: लेबर पार्टी इन क्षेत्रों में निवेश पर जोर देगी।
हाउस रेंटः भारतीय समुदाय के लिए चुनाव में मंदिर, वीजा, महंगाई और आवास संकट जैसे प्रमुख मुद्दे हैं। आस्ट्रेलिया में पिछले 3 वर्षों में हाउस रेंट में 35 प्रतिशत तक का उछाला आया है।