नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। पाकिस्तान ने एक बार फिर नापाक मंशा दिखाते हुए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने से इनकार कर दिया है। जाधव पर पाकिस्तान ने भारतीय जासूस होने का आरोप लगाया था। अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने केवल जाधव को काउंसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया था, अपील का अधिकार देने के लिए बाध्य नहीं किया गया था।
भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
भारत लगातार कुलभूषण जाधव के मामले में निष्पक्ष सुनवाई और अपील के अधिकार की मांग करता रहा है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भी पाकिस्तान को जाधव को काउंसुलर एक्सेस देने का निर्देश दिया था, लेकिन अब पाकिस्तान अपने ही वादे से मुकर रहा है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और न्याय के सिद्धांतों का खुला उल्लंघन माना जा रहा है।
'कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार नहीं मिला'
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार नहीं दिया गया है। मामला 9 मई 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा से जुड़ा था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोप लगा कि सैन्य अदालतों से दोषी ठहराए गए आरोपियों को अपील का मौका नहीं मिला, जबकि कुलभूषण जाधव को यह सुविधा दी गई थी। इस पर पाकिस्तान ने सफाई दी कि जाधव को केवल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के आदेश पर काउंसुलर एक्सेस दी गई थी, अपील का अधिकार नहीं।
कौन हैं कुलभूषण जाधव?
कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जो ईरान के चाबहार में व्यापार कर रहे थे। 2016 में पाकिस्तान ने उन्हें कथित तौर पर अगवा किया और जासूसी का आरोप लगाया। 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई। भारत ने इस फैसले को ICJ में चुनौती दी। ICJ ने सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान को आदेश दिया कि वह मामले की निष्पक्ष समीक्षा करे और जाधव को काउंसुलर एक्सेस दे।
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