US President Donald Trump के पैरों में सूजन, मेडिकल रिपोर्ट में सामने आई ये स्थिति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पैरों में सूजन और हाथों पर चोट के निशान पाए गए। मेडिकल रिपोर्ट में Chronic Venous Insufficiency का खुलासा हुआ। जानें क्या है यह बीमारी।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।America News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पैरों के निचले हिस्से में सूजन और हाथों पर हल्की चोट के निशान पाए गए हैं। यह जानकारी व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। ट्रंप की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पैरों का अल्ट्रासाउंड करने पर क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी (Chronic Venous Insufficiency) का पता चला है। यह समस्या आमतौर पर 70 साल से अधिक उम्र के लोगों में पाई जाती है।
हृदय और किडनी की जांच में कोई गंभीर समस्या नहीं
लेविट ने बताया कि ट्रंप की हृदय गति, किडनी और संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच की गई। रिपोर्ट में सिस्टमेटिक बीमारी (Systemic Illness) के कोई लक्षण नहीं मिले। डॉक्टरों ने इस स्थिति को सामान्य और गंभीर नहीं बताया, हालांकि समय पर देखभाल जरूरी है।
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क्या है क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी?
यह स्थिति तब होती है जब पैरों की नसों में मौजूद वाल्व सही से काम करना बंद कर देते हैं, जिससे खून का प्रवाह ऊपर की ओर बाधित हो जाता है और नसों में खून जमने लगता है। डॉक्टरों के अनुसार, यह बीमारी आमतौर पर गंभीर नहीं होती, लेकिन समय रहते उपचार जरूरी है।
हाथों पर चोट के निशान – क्या है वजह?
ट्रंप की हालिया तस्वीरों में हाथों के पिछले हिस्से पर हल्की चोट (Bruising) दिखाई दी थी। इस पर व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि ये निशान बार-बार हाथ मिलाने और एस्पिरिन सेवन के कारण हुए।रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप नियमित रूप से एस्पिरिन लेते हैं, जो दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम करने में मदद करता है।
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अप्रैल की रिपोर्ट में यह समस्या नहीं थी
प्रवक्ता ने बताया कि अप्रैल में हुए ट्रंप के रूटीन चेकअप में क्रॉनिक वेनस इंसफिशिएंसी का कोई जिक्र नहीं था। तब उनके ब्लड सर्कुलेशन और जोड़ों की स्थिति सामान्य बताई गई थी।
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस जैसी गंभीर बीमारी नहीं
व्हाइट हाउस ने कहा कि अतिरिक्त जांच इसलिए कराई गई क्योंकि टीम 'अत्यधिक सतर्कता' बरत रही थी।सभी स्कैन में डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis) या धमनीय रोग के संकेत नहीं मिले। यह राहत की बात है क्योंकि इस आयु में ये स्थितियां जानलेवा हो सकती हैं।