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Donald Trump's Tariffs War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने चीन से आने वाली चीजों पर 245 फीसदी तक का रेसिप्रोकल टैरिफ लगा दिया है। इस पर गुरुवार को चीन ने काफी सधा हुआ और सुलझा हुआ रियेक्शन दिया है। जो दर्शाता है कि चीन अब इस मामले को खास तवज्जो नहीं दे रहा और अपने व्यापार पर ही ध्यान केंद्रित कर रहा है। चीन को पता है कि उसकी जीडीपी फिलहाल रफ्तार पकड़ रही है। ऐसे में चीन ने काफी संतुलित जवाब दिया और कहा कि अगर अमेरिका टैरिफ का खेल जारी रखता है तो वह इस पर ध्यान नहीं देगा।
ट्रंप प्रशासन ने किया बड़ा ऐलान
ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को चीन से आने वाले सामानों पर 245% तक नया टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई थी। इसे लेकर व्हाइट हाउस ने एक फैक्ट शीट जारी की, जिसमें इस फैसले की पूरी जानकारी दी गई। यह जानकारी व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक फैक्ट शीट में दी गई है। इस नए टैरिफ के कारण अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और ज्यादा बढ़ गया है। america news | america | america tariff | china news | china : china threatened America
75 देश अमेरिका से व्यापार समझौते को तैयार
इसमें बताया गया कि 75 से ज्यादा देश अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौते पर बात करने के लिए तैयार हो चुके हैं. इस वजह से इन देशों पर फिलहाल ज्यादा टैरिफ नहीं लगाया गया है. वहीं, चीन ने जवाबी कदम उठाया है इसलिए उस पर टैरिफ जारी रहेगा. फैक्ट शीट में में ज्यादा जानकारी दिए बिना कहा गया है कि चीन की जवाबी कार्रवाई के कारण अब उसे अमेरिका को भेजे जाने वाले सामानों पर 245% तक का टैरिफ झेलना पड़ रहा है.
चीन पर लगाए गए ये आरोप
व्हाइट हाउस की फैक्ट शीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि चीन ने अमेरिका को गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमनी और दूसरी अहम हाई-टेक सामग्री का निर्यात रोक दिया है, जिनका इस्तेमाल सेना से जुड़े कामों में हो सकता है। उधर, चीन के प्रवक्ता ने कहा कि अब वह अमेरिकी के टैरिफ पर कोई ध्यान नहीं देगा, उसे जो कदम उठाने हैं वह करें। चीन किसी से डरने वाला नहीं है।
जीडीपी ग्रोथ से चीन खुश
2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में चीन की जीडीपी वृद्धि दर 5.4% रही, जो अनुमानित 5.2% से अधिक थी। यह मजबूत शुरुआत घरेलू मांग में सुधार और सरकारी नीतियों के समर्थन को दर्शाती है। चीन ने 5% की जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो 2024 के 5% के बराबर है। हालांकि, विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे संगठनों ने 2025 के लिए 4.5-4.6% की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो रियल एस्टेट संकट, कमजोर उपभोक्ता खर्च, और नागरिकों की आय वृद्धि में कमी जैसे कारकों को ध्यान में रखता है।
चीन की वैश्विक व्यापार स्थिति
टैरिफ और व्यापार युद्ध: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चीनी सामानों 245 प्रतिशत तक टैरिफ लागू किए हैं। इससे चीन के निर्यात, जो आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन हैं, पर दबाव बढ़ा है। यूरोपीय संघ के साथ भी व्यापार तनाव बढ़ रहा है। वर्ष 2024 में निर्यात ने चीन की अर्थव्यवस्था को गति दी, लेकिन 2025 में टैरिफ के कारण निर्यात में कमी की आशंका है। इसके जवाब में, चीन घरेलू खपत को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहा है, हालांकि यह अभी प्राथमिकता नहीं बन पाया है।
चीन दुनिया की दूसरी बड़ी इकोनॉमी
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है और वैश्विक जीडीपी में इसका योगदान 30% से अधिक है (SCO देशों के साथ मिलकर)। हालांकि, बढ़ते संरक्षणवाद और जटिल वैश्विक माहौल के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं। फिर भी, उच्च-तकनीक क्षेत्रों में 2024 में 7.6% की वृद्धि और नई ऊर्जा वाहनों जैसे नवाचारों ने चीन की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत किया है।
भारत से चीन को अधिक उम्मीद
अमेरिकी टैरिफ के जवाब में, चीन भारत जैसे देशों को माल भेजने की रणनीति अपना सकता है, जिससे क्षेत्रीय व्यापार गतिशीलता प्रभावित हो सकती है।
व्यापार में, निर्यात पर दबाव के बावजूद, चीन वैश्विक आपूर्ति शृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और घरेलू खपत व तकनीकी नवाचार के जरिए अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।