नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।क्या वाकई अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( donald trump) और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क(elon) की दोस्ती टूट गई है या यह सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी है? कुछ दिनों पहले तक दोनों के बीच कोई खटास नहीं थी, लेकिन अचानक सोशल मीडिया पर शुरू हुई तल्खी ने सबको चौंका दिया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह "नूरा कुश्ती" हो सकती है – एक सोची-समझी साजिश, जो सिर्फ दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए खेली जा रही है।
नजदीकियों के बाद आया फासला
कुछ ही समय पहले तक मस्क, ट्रंप के करीबी माने जाते थे। वे न सिर्फ ट्रंप के विमान में सफर करते थे, बल्कि उनके घरों में भी ठहरते थे। दोनों के बीच की नजदीकियां उनके रिश्तों को मज़बूत दिखा रही थीं। लेकिन अचानक से सोशल मीडिया पर तीखे बयान सामने आने लगे। मस्क ने दावा किया कि अब यह दोस्ती उबाऊ नहीं रही, जबकि ट्रंप ने पलटवार करते हुए मस्क को 'ट्रंप डेरेंजमेंट सिंड्रोम' का शिकार बता दिया।
इस बहस की जड़ में अमेरिका का नया टैक्स बिल है। 28 मई को एलन मस्क ने ट्रंप की टैक्स नीति की कड़ी आलोचना की और इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया। मस्क ने कहा कि टैक्स बिल की आलोचना के बाद ट्रंप ने उनसे नाराजगी जताई और खुद को निराश बताया।
एलन मस्क की कंपनी के शेयर गिरे
इस झगड़े का सीधा असर टेस्ला पर भी पड़ा है। कंपनी के शेयरों में 14% की गिरावट आई, जिससे टेस्ला का बाजार पूंजीकरण एक ही दिन में करीब 150 अरब डॉलर घट गया। मस्क के समर्थक इयान माइल्स चियोंग ने तो यहां तक कह दिया कि ट्रंप पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए।
एक समय था जब ट्रंप ने तमाम आलोचनाओं के बावजूद मस्क को सरकारी दक्षता विभाग का प्रमुख नियुक्त किया था। मस्क ने भी ट्रंप के चुनाव अभियान को लगभग 30 करोड़ डॉलर का समर्थन दिया था। अब वही दोस्ती राजनीति की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि यह झगड़ा असली है या सियासी रणनीति का हिस्सा। लेकिन इतना तय है कि इस कथित 'मनमुटाव' ने अमेरिकी राजनीति और व्यापार जगत में हलचल जरूर मचा दी है। आगे क्या होगा, इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।