नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने के लिए पहुंच गए हैं। यह सम्मेलन मोदी की लगातार छठी G7 भागीदारी है और एक दशक में उनकी पहली कनाडा यात्रा है। वे साइप्रस से यात्रा के दूसरे चरण में कनाडा पहुंचे हैं, जहां कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के आमंत्रण पर उनका भव्य स्वागत किया गया। बता दें कि PM मोदी तीन देशों की यात्रा पर हैं, साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया। पहले चरण में वे साइप्रस पहुंचे, फिर कनाडा के कैलगरी आए, जहां से अब वे G7 समिट में शामिल हो रहे हैं।
पीएम मोदी का बयान: ग्लोबल साउथ और AI पर फोकस
कनाडा पहुंचते ही
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म- एक्स पर लिखा- "G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने कनाडा के कैलगरी पहुंचा हूं। यहां विभिन्न वैश्विक नेताओं से मुलाकात करूंगा और वैश्विक चुनौतियों, विशेषकर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचार रखूंगा।"
भारत-कनाडा संबंधों में नई शुरुआत
जस्टिन ट्रूडो सरकार के कार्यकाल में भारत-कनाडा संबंधों में जबरदस्त गिरावट देखी गई थी, खासतौर पर खालिस्तानी समर्थकों को लेकर। लेकिन ट्रूडो के हटने और अर्थशास्त्री मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा और राजनयिक वार्ता पुनः शुरू हुई है।
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आतंकवाद पर मोदी की रणनीति
G7 समिट ऐसे समय हो रहा है जब भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमलों के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थी। ऐसे में मोदी के एजेंडे में आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग अहम मुद्दा रहेगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री जी7 देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। साथ ही ऊर्जा सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे विषयों पर बातचीत करेंगे।
कौन-कौन हैं G7 के सदस्य?
G7 यानी Group of Seven में दुनिया की 7 बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। इसके अलावा यूरोपीय संघ को भी प्रतिनिधित्व मिलता है। भारत को विशेष आमंत्रित राष्ट्र के तौर पर लगातार G7 समिट में बुलाया जा रहा है। Group of Seven में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली जापान और जापान शामिल हैं।