नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Israel - Gaza war: गाजा में जारी संघर्ष और बच्चों की मौत के मंजर को बयां करते हुए फलस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर संयुक्त राष्ट्र में फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि गाजा में हालात बेहद खराब हैं, बच्चे भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर मर रहे हैं, और माएं अपने मृत बच्चों को गले से लगाकर सांत्वना दे रही हैं। मंसूर का यह भावुक संबोधन उस वक्त आया जब इसरायल ने गाजा में संघर्षविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा पेश किया गया था।
क्या है संघर्षविराम प्रस्ताव?
इस प्रस्ताव के तहत फिलहाल 70 दिन का सीजफायर लागू किया जाएगा। 10 इसरायली बंधकों की रिहाई की व्यवस्था की गई है। गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इससे पहले 26 मई को हमास ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।
सीजफायर के टूटने के बाद 2,000 से ज्यादा बच्चों की मौत
गौरतलब है कि 19 जनवरी को इस्राइल और हमास के बीच सीजफायर हुआ था, लेकिन दो महीने बाद इस्राइल की एयरस्ट्राइक ने इस संघर्षविराम को तोड़ दिया। इसके बाद से गाजा में हिंसा और तबाही का दौर लगातार जारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मार्च 2025 से अब तक 2,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी बच्चों की जान जा चुकी है।
"हम भी इंसान हैं" – रियाद मंसूर
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए रियाद मंसूर ने कहा- आग और भूख हमारे बच्चों को निगल रही है। कोई भी वजह फिलिस्तीनियों पर हो रहे इन हमलों को जायज नहीं ठहरा सकती। हम भी इंसान हैं। हमें भी वही सम्मान मिलना चाहिए, जो बाकी देशों को मिलता है।
उन्होंने दुनिया से इंसाफ और समानता की मांग की और कहा कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय
गाजा की त्रासदी पर गंभीरता से कार्रवाई करे।
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