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बुडापेस्ट, वाईबीएन डेस्क: हंगरी ने रूस से तेल आयात को लेकर अपना पक्ष साफ करते हुए कहा है कि वह खुले तौर पर रूसी तेल खरीद रहा है, क्योंकि देश के पास कोई विकल्प नहीं है। विदेश और व्यापार मंत्री पीटर सिजार्तो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कई यूरोपीय देश गुपचुप तरीके से बिचौलियों के ज़रिए रूसी तेल खरीद रहे हैं और वही देश हंगरी और स्लोवाकिया की आलोचना भी कर रहे हैं।
जो हमारी आलोचना कर रहे हैं वे खुद रूस से तेल खरीद रहे
सिजार्तो ने कहा कि हमें पाखंड से दूर रहना चाहिए। जो देश हमारी सबसे ज्यादा आलोचना कर रहे हैं, वे खुद कुछ एशियाई देशों के जरिए रूसी तेल खरीद रहे हैं सिर्फ इसलिए क्योंकि वह सस्ता है। मंत्री के अनुसार, हंगरी की ऊर्जा आपूर्ति भौगोलिक और तकनीकी रूप से मौजूदा पाइपलाइनों पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि यूरोपीय संघ ने दक्षिण-पूर्वी यूरोप में गैस पाइपलाइन की क्षमता बढ़ाने के हंगरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और क्रोएशिया ने वैकल्पिक मार्ग पर न केवल सहयोग से इनकार किया, बल्कि ट्रांजिट शुल्क को 5 गुना तक बढ़ा दिया। सिजार्तो ने यह भी स्पष्ट किया कि बुडापेस्ट, यूक्रेन की ईयू सदस्यता पर शुरुआती क्लस्टर वार्ता का समर्थन नहीं करेगा।
अमेरिका ने EU से रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की अपील की
इस पूरे विवाद के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने यूरोपीय देशों पर आरोप लगाया कि वे रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध के लिए अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग कर रहे हैं। अमेरिका ने EU से रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की अपील की है और बताया कि पिछले साल रूस को ईंधन बेचने से यूरोपीय यूनियन को लगभग 1.1 बिलियन यूरो की आय हुई थी। गौरतलब है कि रीपावरईयू (RePowerEU) योजना के तहत यूरोपीय कमीशन ने 2027 तक रूसी गैस और तेल पर निर्भरता खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, हंगरी और स्लोवाकिया लगातार इस योजना का विरोध करते रहे हैं। जुलाई 2025 में स्लोवाकिया ने EU के 18वें प्रतिबंध पैकेज को भी रोक दिया था, यह कहते हुए कि यह देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए नुकसानदायक हो सकता है। Hungary | Russian Oil Controversy | Russian oil
इनपुट-आईएएनएस
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