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Pakistan अब 10 मई को मनाएगा ‘मरका-ए-हक’, शहबाज ने इसलिए बताया गौरवशाली दिन

भारतीय एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर मांगा, और अपनी आदत के मुताबिक पाकिस्तान ने उसकी सुन भी ली। अब पाकिस्तान 10 मई को ‘मरका-ए-हक’ मनाने का ऐलान किया है। शहबाज शरीफ ने बताया गौरवशाली दिन।

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Dhiraj Dhillon
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पाकिस्तान भले दावे कुछ भी करे लेकिन असलियत छिपाई नहीं जा सकती। ऑपरेशन सिंदूर से बिलबिला उठा पाकिस्तान सीजफायर वाले दिन (10 मई) को गौरवशाली दिन बता बता रहा है और अब हर वर्ष 'मरका ए- हक' मनाने की तैयारी कर रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक्स और एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान तौबा कर उठा था। जानकारी के अनुसार, भारत ने POK और पाकिस्तान में आतंकियों के कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया था। इस आक्रामक कार्रवाई के बाद भी पाकिस्तान ने आतंकवाद पर रोक लगाने की बात करने के बजाय भारत पर ही हमलावर रुख अपनाया। भारतीय सेना ने जबरदस्त पलटवार करते हुए पाकिस्तान की हर कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसके बाद पाकिस्तान को सीजफायर की गुहार लगानी पड़ी थी

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बोले- 'रक्षा इतिहास का गौरवशाली अध्याय'

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इशारों में कहा कि यदि भारत कोई और कदम नहीं उठाता, तो पाकिस्तान भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। रक्षा मंत्री के इस रुख से साफ था कि भारत का संदेश स्पष्ट था, आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटनाक्रम के बाद 10 मई को सीजफायर लागू हुआ। दिलचस्प बात यह है कि अब पाकिस्तान इसी तारीख को हर साल ‘मरका-ए-हक’ के रूप में मनाने की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस दिन को पाकिस्तान के 'रक्षा इतिहास का गौरवशाली अध्याय' बताया है, जबकि सच्चाई यह है कि 22 अप्रैल को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने पहलगाम में निर्दोष भारतीय पर्यटकों पर हमला किया था।

100 आतंकियों का सफाया किया गया

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रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत की एयरस्ट्राइक में 100 के करीब आतंकियों का सफाया किया गया, जबकि पाकिस्तान ने 51 नागरिकों और सैनिकों की मौत को स्वीकार किया — जिसमें 11 सैनिक भी शामिल हैं। पाकिस्तानी सेना और सरकार ने पहले इन आंकड़ों को छिपाने की कोशिश की, लेकिन अंततः उन्हें स्वीकार करना पड़ा। इस सबके बावजूद, पाकिस्तान अब इस दिन को जश्न के तौर पर मनाने की घोषणा कर रहा है, यह तय करना जनता पर है कि यह "गौरव" है या "गंभीर शर्मनाक विफलता"।

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