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Defense Sector में आत्मनिर्भर हो रहा भारत, चार साल में 9.3 प्रतिशत कम हुआ आयात

मेड इन डंडिया और मेक इन इंडिया का डंका अब रक्षा क्षेत्र में भी बज रहा है। यही कारण है कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। विदेशी निर्भरता कम हो रही है।

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Dhiraj Dhillon
Fighter Plane

Photograph: (Google)

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मेड इन डंडिया और मेक इन इंडिया का डंका अब रक्षा क्षेत्र में भी बज रहा है। यही कारण है कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। विदेशी निर्भरता कम हो रही है। पिछले चार साल में भारत ने रक्षा क्षेत्र में अपना आयात 9.3 प्रतिशत कम किया है। दूसरी ओर पड़ोसी देश, पाकिस्तान में आयात लगातार बढ़ रहा है। इस बात का स्टॉकह‌ााम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। रक्षा क्षेत्र में पाकिस्तान का आयात करीब 61 प्रतिशत बढ़ा है। रिपोर्ट ने इस बात का भी खुलासा किया है कि पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा खरीदारी चीन से की है।
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भारत अभी भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक

स्वदेशी हथियारों के निर्माण पर भारत सरकार को जोर है। यही कारण है कि 2015-19 के दौरान रक्षा क्षेत्र में हुए आयात की तुलना में 2020-24 में 9.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि यह भी सत्य है कि इस क्षेत्र में भारत अभी भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है। सिपरी की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में सबसे ज्यादा हथियारों का आयात रूस के साथ युद्ध में उलझे यूक्रेन ने खरीदें हैं। रिपोर्ट बताती है कि पिछले चार वर्षों में यूक्रेन का रक्षा क्षेत्र का आयात दोगुना हो गया है।
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भारत ने सबसे ज्यादा आयात रूस से किया

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रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने रक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक आयात रूस से किया है। भारत में 36 प्रतिशत आयात केवल रूस से हुआ है। 2015-19 के दौरान रूस से भारत ने करीब 55 प्रतिशत आयात किया था जबकि उसके और पीछे चले जाएं तो 2010-14 में रक्षा क्षेत्र कुल आयात का 72 प्रतिशत रूस से हुआ था। पड़ोसी देश की बात करें तो पाकिस्तान ने चीन से केवल सबसे ज्यादा खरीदारी की, बल्कि पिछले चार सालों में यह बढ़ी है। पाकिस्तान ने रक्षा क्षेत्र का 81 प्रतिशत आयात चीन से किया है, जो 2015-19 में 74 प्रतिशत था।

अमेरिका की हिस्सेदारी बढ़ी, रूस की हुई कम

रक्षा क्षेत्र में आयात की बात करें तो पूरी दुनिया में अमेरिका की हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है, वहीं रूस की हिस्सेदारी कम हुई है। सिपरी की रिपोर्ट बताती है कि हथियारों के निर्यात में अमेरिकी हिस्सेदारी 43 प्रतिशत तक बढ़ी है जबकि रूस की हिस्सेदारी में 64 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। विश्व स्तर पर हथियारों के निर्यात में दूसरे नंबर पर आ गया है। पहले नंबर पर फ्रांस है। बता दें कि हथियारों के निर्यात में अकेले फ्रांस की हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक 9.6 प्रतिशत है।
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