नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
भारत में इसराइल के राजदूत रियुवेन अजार ने अपने देश के आत्मरक्षा के अधिकार का 'समर्थन' करने के लिए भारत का शुक्रिया कहा है। गाजा में इसराइल और हमास के बीच बहुप्रतीक्षित युद्ध विराम समझौता लागू होने के बाद, दोनों पक्षों के बीच युद्ध विराम समझौता 15 महीने के संघर्ष के बाद हुआ है। समझौते के बाद रविवार से दोनों देशों के बीच बंधकों और जेल में बंद फलस्तिनियों की रिहाई की सिलसिला भी शुरू हो गया है।
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भारतीय लोगों का मिला जबरदस्त समर्थन
इसराइल के दूतावास द्वारा जारी वीडियो में अजार ने कहा, 'मैं आत्मरक्षा के हमारे अधिकार का समर्थन करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं और हम विशेष रूप से भारतीय लोगों के जबरदस्त समर्थन की सराहना करते हैं।' इसराइल ने सात अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजराइल के शहरों पर किए गए हमले के जवाब में गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य हमला किया था। हमास द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत ने लगातार युद्ध विराम और फलस्तीन मुद्दे के द्वि-राष्ट्र समाधान की दिशा में प्रत्यक्ष शांति वार्ता के लिए माहौल बनाने का आह्वान किया है। 07 अक्टूबर, 2023 को इसराइल पर हमास के हमले के बाद इस युद्ध की शुरुआत हुई थी। इस समझौते से गाजा में जारी युद्ध को रोकने और हमास द्वारा बंधक बनाये गये इजराइली बंधकों की रिहाई में मदद मिलने की उम्मीद है।
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ईरान को बताया क्षेत्र के लिए खतरा
इसराइली राजदूत ने कहा, 'इजराइल ने जिस युद्ध विराम पर हस्ताक्षर किए हैं, वह क्रमिक समझौते का पहला चरण है, जिसमें हमारे बंधकों को वापस लाने में मदद मिलेगी और यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हमास कभी भी इसराइल के लोगों का नरसंहार नहीं कर पाएगा। जैसा कि उसने 07 अक्टूबर 2023 को किया था।' उन्होंने कहा कि यदि हमास को 'पुनः हथियारों से लैस होने और पुनः संगठित' होने की अनुमति दी गई तो शांति स्थापित नहीं हो सकेगी। अजार ने ईरान पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि ईरानी शासन 'अभी भी हमारे क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।' भारत ने गाजा युद्ध विराम समझौते का स्वागत किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं।' विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति हो सकेगी।'
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