नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला है। भारत ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयान का हवाला देते हुए वैश्विक मंच पर उसे आतंकवाद का संरक्षक बताया। दरअसल, ख्वाजा आसिफ ने एक टेलीविजन इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया कराया है। इस कबूलनामे के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पोल खोल दी। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा, "यह स्वीकारोक्ति चौंकाने वाली नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान को एक दुष्ट राष्ट्र के रूप में उजागर करती है, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है। दुनिया अब और आंखें नहीं मूंद सकती।"
गंभीर आरोपों के बीच पाकिस्तान पर कड़ी आलोचना
राजदूत योजना पटेल ने पाकिस्तान पर वैश्विक मंच का दुरुपयोग करने और भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति प्रक्रिया को कमजोर करने की साजिश में जुटा है। यह बयान उस समय आया जब संयुक्त राष्ट्र में VOTAN (Victims of Terrorism Advocacy Network) की शुरुआत की गई। इस संगठन का उद्देश्य आतंकवाद के पीड़ितों और उनके परिवारों को समर्थन देना और उन्हें न्याय दिलाने की दिशा में काम करना है।
ख्वाजा आसिफ का विवादास्पद बयान
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, स्काई न्यूज के एक साक्षात्कार में ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया था कि पाकिस्तान ने पिछले तीन दशकों तक अमेरिका, पश्चिमी देशों और ब्रिटेन के लिए "गंदा काम" किया है, जिसमें आतंकवादी संगठनों को समर्थन भी शामिल है। इस बयान से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी किरकिरी हो रही है।
भारत ने जताया वैश्विक समर्थन के लिए आभार
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद वैश्विक समुदाय द्वारा दिखाए गए समर्थन और एकजुटता के लिए आभार जताया। योजना पटेल ने कहा, "यह घटना 26/11 मुंबई हमलों के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला है। भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार रहा है, इसलिए हम पीड़ितों और उनके परिवारों के दर्द को भलीभांति समझते हैं।"
UN में भारत की दो टूक, आतंकवाद बर्दाश्त नहीं
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से पहलगाम हमले की निंदा को दोहराते हुए कहा कि आतंकवाद किसी भी कारण से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। योजना पटेल ने कहा, “आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की स्पष्ट रूप से निंदा होनी चाहिए। यह आपराधिक कृत्य हैं और किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हैं।”
VOTAN की स्थापना को बताया निर्णायक पहल
भारत ने VOTAN की स्थापना को आतंकवाद के पीड़ितों के लिए एक संरचित और सुरक्षित मंच बताया। योजना पटेल ने कहा, "यह पहल सुनिश्चित करेगी कि पीड़ित हमारी वैश्विक प्रतिक्रिया के केंद्र में बने रहें। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को और मजबूती देने के लिए इस तरह की पहलों की आवश्यकता है।"
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