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वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क।भारत के इनकार के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से पीएम मोदी को असहज करने वाली टिप्पणी की। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस में अपनी बैठक के दौरान,अपना दावा दोहराया कि "भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने पहले ही तनाव कम कर दिया है।" हालांकि उन्होंने हंगरी द्वारा आयात जारी रखने का बचाव भी किया। उन्होंने कहा कि उस युद्ध में जेलेंस्की ने बहुत कुछ सहा है, अब यह युद्ध बंद होना चाहिए।
तेल खरीद को लेकर हंगरी का बचाव
समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की यह टिप्पणी बार-बारे के इस दावे के बीच आई है कि अगर नाटो देश रूसी तेल खरीदना बंद कर दें, तो वह कूटनीति और टैरिफ के मिश्रण से यूक्रेन में रूस के युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। लेकिन जब बातचीत हंगरी की ओर मुड़ी, जो एक नाटो सदस्य है और रूसी कच्चे तेल पर बहुत अधिक निर्भर है, तो ट्रंप का लहजा नरम पड़ गया। उन्होंने हंगरी का बचाव करते हुए कहा, "हंगरी एक तरह से फंसा हुआ है, क्योंकि उनके पास एक ही पाइपलाइन है जो वर्षों से वहां है। वे अंतर्देशीय हैं। उनके पास समुद्र नहीं है। उनके लिए तेल प्राप्त करना बहुत कठिन है। मैं इसे समझता हूँ।"
बुडापेस्ट में पुतिन से हो सकती है मुलाकात
उन्होंने आगे कहा, "वे पहले ही तनाव कम कर चुके हैं और कमोबेश अपने कदम वापस खींच चुके हैं। उन्होंने लगभग 38 प्रतिशत तेल खरीदा था, और अब वे ऐसा नहीं करेंगे।" अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने हाल ही में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन से बात की और उन्हें "बहुत महान नेता" बताया। उन्होंने दोहराया कि आने वाले हफ़्तों में बुडापेस्ट में उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना है।
भारत की तेल खरीद पर की थी ट्रंप ने टिप्पणी
इससे पहले बुधवार को, ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि नई दिल्ली रूस से तेल खरीदना बंद कर देगी। उन्होंने इसे यूक्रेन युद्ध को लेकर मास्को को अलग-थलग करने की उनकी कोशिशों में एक "बड़ा कदम" बताया था। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मोदी के सामने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल के निरंतर आयात पर चिंता व्यक्त की है, जिसके बारे में वाशिंगटन का मानना ​​है कि यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध के वित्तपोषण में मदद करता है।
ट्रंप ने कहा, नीतिगत मतभेदों के बावदूज भारत अच्छा दोस्त
ट्रंप ने कहा, "मैं इस बात से खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। यह एक बड़ा कदम है। अब हम चीन से भी यही करवाने जा रहे हैं।" ट्रंप ने ऊर्जा नीति पर मतभेदों के बावजूद पीएम मोदी को एक करीबी सहयोगी बताया। जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन के साथ तनाव के बीच वह भारत को एक विश्वसनीय सहयोगी मानते हैं, तो ट्रंप ने कहा, "वह मेरे दोस्त हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।"हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई टेलीफोन पर बातचीत नहीं हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने ट्रंप के दावे को सिरे से नकार चुके हैं।India Russia relations, Donald Trump news, Zelensky meeting, global energy updates, Donald Trump Claims | DonaldTrump | donald trump and zelensky meeting