Advertisment

India-US Tariff Talks: भारत ने अमेरिका पर बनाया दवाब, कहा- ब्रिटिश मॉडल नहीं चलेगा

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत के दौरान भारत ने 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ और अतिरिक्त शुल्क हटाने की मांग की। ब्रिटिश मॉडल को बताया अधूरा और अस्वीकार्य।

author-image
Dhiraj Dhillon
PM Modi- Donald Trump

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।भारत और अमेरिका के बीच चल रहे अर्ली हार्वेस्ट व्यापार समझौते को लेकर वार्ताओं में नया मोड़ आ गया है। भारत ने अमेरिका से 10 प्रतिशत बेसलाइन आयात शुल्क और प्रस्तावित 16 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को पूरी तरह हटाने के लिए दवाब बनाया है। यह टैरिफ अमेरिका ने 2 अप्रैल, 2025 से सभी देशों पर लागू किया था, लेकिन भारत इसे निष्पक्ष नहीं मानता। भारत ने साफ कर दिया है कि ब्रिटेन-अमेरिका मॉडल मंजूर नहीं है।आंशिक व्यापार समझौते के बावजूद एल्यूमीनियम, स्टील और ऑटोमोबाइल्स पर भारी टैरिफ बना हुआ है।

भारत का रुख स्पष्ट

भारतीय वार्ताकारों का कहना है कि समझौते के बाद दोनों टैरिफ, 10 प्रतिशत बेसलाइन और 16 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को एकसाथ समाप्त किया जाना चाहिए। यदि अमेरिका ऐसा नहीं करता तो भारत भी समान और आनुपातिक शुल्क लागू करेगा। भारत का तर्क है कि वह अमेरिकी वस्तुओं को अधिक बाजार पहुंच देने के लिए तैयार है, बशर्ते कि अमेरिका भी न्यायसंगत और परस्पर लाभकारी रुख अपनाए। एक अधिकारी ने कहा, “व्यापार समझौता केवल तभी दीर्घकालिक हो सकता है जब वह संतुलित हो और दोनों पक्षों को समान लाभ दे।”

वार्ता की मौजूदा स्थिति भी जानिए

India- US Tariff Talks: यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव के सहायक ब्रंडन लिंच की अगुआई में अमेरिकी वार्ताकारों की टीम 4 जून को दिल्ली पहुंची थी। यह पांचवां वार्ता दौर है, जो 10 जून तक चलेगा। इसके बाद अगला दौर अमेरिका में होगा। दोनों पक्षों का लक्ष्य 9 जुलाई से पहले एक 'अर्ली हार्वेस्ट' ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमति बनाना है, जिसके बाद सितंबर-अक्टूबर 2025 में पूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) प्रस्तावित है।

ब्रिटेन-अमेरिका मॉडल से भारत की असहमति

भारत ने यूके-अमेरिका के बीच 8 मई को हुई 'इकोनॉमिक प्रॉस्पेरिटी डील' का हवाला देते हुए उसे अधूरा मॉडल बताया है। इस डील के बाद भी अमेरिका ने ब्रिटेन पर स्टील और ऑटो पार्ट्स जैसे उत्पादों पर भारी टैरिफ जारी रखा है। भारत नहीं चाहता कि ऐसा ही मॉडल उसके साथ लागू हो।
Tariff
Advertisment
Advertisment