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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।भारत और अमेरिका के बीच चल रहे अर्ली हार्वेस्ट व्यापार समझौते को लेकर वार्ताओं में नया मोड़ आ गया है। भारत ने अमेरिका से 10 प्रतिशत बेसलाइन आयात शुल्क और प्रस्तावित 16 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को पूरी तरह हटाने के लिए दवाब बनाया है। यह टैरिफ अमेरिका ने 2 अप्रैल, 2025 से सभी देशों पर लागू किया था, लेकिन भारत इसे निष्पक्ष नहीं मानता। भारत ने साफ कर दिया है कि ब्रिटेन-अमेरिका मॉडल मंजूर नहीं है।आंशिक व्यापार समझौते के बावजूद एल्यूमीनियम, स्टील और ऑटोमोबाइल्स पर भारी टैरिफ बना हुआ है।
भारत का रुख स्पष्ट
भारतीय वार्ताकारों का कहना है कि समझौते के बाद दोनों टैरिफ, 10 प्रतिशत बेसलाइन और 16 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को एकसाथ समाप्त किया जाना चाहिए। यदि अमेरिका ऐसा नहीं करता तो भारत भी समान और आनुपातिक शुल्क लागू करेगा। भारत का तर्क है कि वह अमेरिकी वस्तुओं को अधिक बाजार पहुंच देने के लिए तैयार है, बशर्ते कि अमेरिका भी न्यायसंगत और परस्पर लाभकारी रुख अपनाए। एक अधिकारी ने कहा, “व्यापार समझौता केवल तभी दीर्घकालिक हो सकता है जब वह संतुलित हो और दोनों पक्षों को समान लाभ दे।”