बर्न (स्विट्ज़रलैंड), वाईबीएन डेस्क। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को सबसे पहले आसान और जल्दी लाभ देने वाले मुद्दों पर सहमति बनानी चाहिए, जबकि जटिल विषयों को बाद में सुलझाया जा सकता है। गोयल ने इस संदर्भ में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते का उदाहरण देते हुए बताया कि इस तरह के समझौते से द्विपक्षीय व्यापार को तुरंत बढ़ावा मिला है और अब दोनों देश शेष मुद्दों पर भी चर्चा कर रहे हैं।
व्यापार वार्ताओं में भारत दिखा रहा लचीलापन
गोयल ने स्पष्ट किया कि भारत व्यापार समझौतों में धीरे-धीरे गहराई से साझेदारी की ओर बढ़ने की रणनीति अपना रहा है।उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ चल रही वार्ता गोपनीय है और इसका ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। बता दें कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता 4 जून से 10 जून 2025 तक आयोजित हो रही है, जिसमें तकनीक, फार्मा, रक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों पर चर्चा हो रही है।
पीयूष गोयल का ऐलान- भारत बनाएगा अपनी 'बिग फोर' कंपनियां
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब अपनी चार बड़ी वैश्विक अकाउंटेंसी और कंसल्टिंग कंपनियां (Indian Big Four) खड़ी करेगा।अब तक भारत में डेलॉयट, PWC, EY और KPMG जैसी विदेशी फर्मों का दबदबा रहा है, लेकिन नई नीतियों और सोच में बदलाव के चलते अब घरेलू कंपनियां उभर रही हैं। गोयल ने कहा, "पहले भारत में अकाउंटेंसी फर्मों के विलय की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब साझेदारी और विस्तार की सोच बदल रही है। जल्दी ही भारत की अपनी बिग फोर होंगी।"
भारत निवेश के लिए भेदभाव-मुक्त देश: गोयल
विदेशी निवेशकों को लेकर गोयल ने कहा कि भारत एक निष्पक्ष और उदार निवेश माहौल प्रदान करता है।उन्होंने कहा कि जो भी विदेशी कंपनी भारत में निवेश करती है, उसे भारतीय कंपनियों जैसा ही दर्जा दिया जाता है, और कारोबार के लिए भारत दुनिया में सबसे अनुकूल देश बनकर उभरा है।
भारत-ईएफटीए FTA सितंबर 2025 से लागू होने की उम्मीद
गोयल ने यह भी बताया कि भारत और ईएफटीए (EFTA) के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) सितंबर 2025 से लागू हो सकता है।यह समझौता 10 मार्च 2024 को साइन किया गया था, जिसके तहत ईएफटीए देशों ने अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है। इसके बदले भारत ने स्विस घड़ियों, चॉकलेट, बिस्किट और हीरे जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने या खत्म करने का वादा किया है। गोयल ने बताया कि चारों EFTA देशों की संसदों से समझौते को मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, स्विट्जरलैंड में 10 जुलाई तक आपत्ति दर्ज कराने की अवधि अभी जारी है।