इसरायल विरोधी होने के आरोप में अमेरिकी सरकार ने एक भारतीय स्कॉलर का वीजा रद्द कर गिरफ्तार कर लिया है। बदर खान सूरी जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित एडमंड ए. वॉल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस में पोस्टडॉक्टोरल फेलो हैं। अमेरिकी सरकार का कहना है कि सूरी के हमास से संबंधों की बात सामने आने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया है। हालांकि, उनके वकील का दावा है कि ये आरोप निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। दूसरी ओर अमेरिका में सूरी के समर्थन में प्रदर्शन होने की खबर भी मिल रही है। पिछले दिनों अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने वाली एक भारतीय छात्रा का वीजा रद्द किए जाने का भी मामला सामने आया था।
जामिया विश्वविद्यालय से की है पीएचडी
भारत में जन्मे बदर खान सूरी ने नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया से 2020 में पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज में पीएचडी पूरी की थी। पीएचडी में उनके शोध का विषय अफगानिस्तान और इराक में राज्य निर्माण की प्रक्रिया पर केंद्रित था। उन्होंने पाकिस्तान, बलूचिस्तान, ईरान, तुर्की, सीरिया, लेबनान, मिस्र और फिलिस्तीन जैसे संघर्ष क्षेत्रों में यात्रा कर अपनी रिसर्च पूरी की। धर्म, हिंसा, शांति और जातीय संघर्षों में उनकी रुचि रही है।
DHS ने किया हमास से संबंध का दावा
US Department of Homeland Security (DHS) ने दावा किया है कि सूरी के हमास से संबंध हैं और उनके कार्य
अमेरिकी विदेश नीति के लिए खतरा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन आरोपों के समर्थन में कोई प्रत्यक्ष प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है। ट्रंप प्रशासन ने उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूरी के वकील हसन अहमद ने एक याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने बिना पर्याप्त सबूत के उनका वीजा रद्द कर दिया।
टेक्सास डिटेंशन सेंटर में रखा गया है
भारतीय स्कॉलर को वर्जीनिया से हिरासत में लेने के बाद टेक्सास स्थित डिटेंशन सेंटर में स्थानांतरित किया गया है। सूरी की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। मानवाधिकार संगठन भी इस अमेरिकी कार्रवाई की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि अदालत अब बदर खान सूरी के भविष्य का फैसला करेगी। बदर खान सूरी अमेरिका में रह सकेंगे या फिर उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा, अदालत इस मुद्दे अपना निर्णय सुनाएगी।
पिछले दिनों अमेरिका में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने वाली एक भारतीय छात्रा का वीजा रद्द किए जाने का भी मामला सामने आया था। वीजा रद्द होने के बाद छात्रा सेल्फ डिपोर्ट होकर भारत लौटी। होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने बताया था कि छात्रा रंजनी श्रीनिवासन के आतंकवादी संगठन हमास का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल थीं और 11 मार्च को अपने स्टूडेंट वीजा के रद्द होने के बाद अमेरिका से स्व-निर्वासित (सेल्फ डिपोर्ट) होकर लौट गईं। बता दें कि रंजनी श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय की पीएचडी की छात्रा थीं। श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, प्लानिंग और प्रिजर्वेशन में शोध कर रही थीं। विश्वविद्यालय के अनुसार, उन्होंने ग्रेजुएशन भारत में अहमदाबाद से करने के बादहार्वर्ड से मास्टर डिग्री प्राप्त की है।