नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Iran-US confrontation: अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के बाद वैश्विक मंच पर हलचल तेज हो गई है। कई देशों ने इस संघर्ष को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है, तो कुछ देशों ने ट्रंप प्रशासन के रुख का समर्थन किया है।
रूस: टकराव से बचने की सलाह
रूस ने इस हमले की कड़ी आलोचना की और अमेरिका को चेतावनी दी कि वह पश्चिम एशिया में आग न भड़काए। क्रेमलिन ने कहा—"यह हमला क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देगा और पूरी दुनिया की शांति को खतरे में डाल सकता है।"
चीन: संयम और वार्ता पर जोर
चीन ने दोनों पक्षों से तत्काल युद्धविराम की अपील की और कहा कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा, "शांति के रास्ते ही समाधान संभव है, सैन्य कार्रवाई से नहीं।"
ब्रिटेन: अमेरिका के साथ लेकिन युद्ध से पीछे
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने अमेरिका के 'आत्मरक्षा' के अधिकार को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही कहा कि "वर्तमान हालात में और सैन्य कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।" ब्रिटेन ने तनाव घटाने के लिए कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन किया।
फ्रांस: परमाणु समझौते को फिर जीवित करने की मांग
फ्रांस ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुए पुराने समझौतों को फिर से लागू करने की मांग की और कहा कि इस हमले से कूटनीतिक प्रयासों को नुकसान पहुंचेगा।
भारत: गहरी चिंता और नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान
भारत ने युद्ध की आशंका पर चिंता जताई और खाड़ी देशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए सभी पक्षों से संयम की अपील की।
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