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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:इजराइल की सुरक्षा कैबिनेट ने बेंजामिन नेतन्याहू की उस योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत गाजा शहर पर सैन्य नियंत्रण स्थापित किया जाएगा। यह फैसला नेतन्याहू द्वारा पेश किए गए पांच बिंदुओं पर आधारित लक्ष्य का हिस्सा है, जिसका मकसद हमास को पूरी तरह से निष्क्रिय करना है।
इजराइल में युद्धविरोधी प्रदर्शनों की लहर
यह निर्णय ऐसे समय आया है जब इजराइल में युद्धविरोधी प्रदर्शनों की लहर चल रही है। लोग युद्ध को तत्काल समाप्त करने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं। नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अन्य विकल्पों से न तो हमास को हराया जा सकता है और न ही बंधकों की वापसी सुनिश्चित हो सकती है। हालांकि, वैकल्पिक योजना का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है।
योजना में ये पांच प्रमुख बातें शामिल हैं
- हमास को हथियारों से पूरी तरह विहीन करना
- सभी बंधकों की वापसी
- गाजा का पूरी तरह विसैन्यीकरण
- इजराइली सुरक्षा नियंत्रण की स्थापना
- एक गैर-हमास और गैर-फलस्तीनी प्राधिकरण वाला असैन्य प्रशासन
नेतन्याहू ने कहा कि गाजा पर स्थायी कब्जा नहीं किया जाएगा, बल्कि हमास के सफाए के बाद इसे एक अस्थायी सरकार को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजराइली सेना गाजा में मानवीय सहायता जारी रखेगी। हालांकि, इजराइली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने गाजा पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण को "जाल" बताते हुए इससे सतर्क रहने की चेतावनी दी थी।
गाजा में हालात बेहद खराब
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया था, जिसमें लगभग 1,200 लोगों की मौत हुई और 251 को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से इजराइल का सैन्य अभियान जारी है। गाजा में हालात बेहद खराब हैं। हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 60,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गाजा में कुपोषण को "खतरनाक स्तर" पर बताया है। गाजा में बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों को डर है कि अगर सैन्य अभियान तेज हुआ तो उनके परिजनों की जान को खतरा बढ़ सकता है। इसी को लेकर कई लोग यरुशलम में कैबिनेट बैठक स्थल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।