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Photograph: (Google)
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।Israel-Hamas ceasefire talks:कतर की राजधानी दोहा में रविवार को इजरायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष सीजफायर वार्ता का पहला दौर बिना किसी समझौते के समाप्त हो गया। दो फिलिस्तीनी सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि इजरायली प्रतिनिधिमंडल को पर्याप्त अधिकार नहीं दिए गए थे, जिसके कारण उनके पास हमास के साथ समझौता करने की वास्तविक शक्ति नहीं थी। इस वजह से वार्ता बेनतीजा रही।
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नेतन्याहू की वाशिंगटन यात्रा और ट्रंप से मुलाकात
यह वार्ता ऐसे समय में हुई, जब इजरायली प्रधानमंत्री Benjamin Netanyahu अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के साथ अपनी तीसरी वाशिंगटन यात्रा की तैयारी कर रहे थे। नेतन्याहू ने रवाना होने से पहले कहा कि इजरायली वार्ताकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल उन शर्तों पर समझौता करें, जिन्हें इजरायल ने स्वीकार किया है। नेतन्याहू ने उम्मीद जताई कि ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात सीजफायर वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। नेतन्याहू ने कहा, “मुझे विश्वास है कि ट्रंप के साथ चर्चा निश्चित रूप से इन परिणामों को आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है।” उनका मुख्य लक्ष्य हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई और इजरायल के लिए हमास के खतरे को खत्म करना है।
हमास की सकारात्मक प्रतिक्रिया, लेकिन मतभेद बरकरार
हमास ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित सीजफायर प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन कई मुद्दों पर असहमति बनी हुई है। हमास से संबंधित एक फिलिस्तीनी समूह के अधिकारी ने बताया कि मानवीय सहायता, मिस्र में राफा सीमा क्रॉसिंग को खोलने और गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी की समयसीमा जैसे मुद्दों पर मतभेद हैं। हमास ने 60 दिनों के युद्धविराम के बजाय स्थायी युद्धविराम की मांग की है।
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नेतन्याहू का रुख और आंतरिक विरोध
नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि हमास द्वारा प्रस्तावित कुछ बदलाव इजरायल को स्वीकार्य नहीं हैं। फिर भी, इजरायल ने पुष्टि की कि उनका प्रतिनिधिमंडल कतर की योजना के आधार पर चर्चा जारी रखने के लिए दोहा जाएगा। इस बीच, नेतन्याहू को अपनी दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार के भीतर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनके गठबंधन के कुछ सदस्य, जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामर बेन-गवीर, सीजफायर का विरोध कर रहे हैं, जबकि विदेश मंत्री गिदोन सार जैसे नेता इसका समर्थन कर रहे हैं।
गाजा में तनाव और मानवीय संकट
दोहा वार्ता के दौरान इजरायली सेना ने गाजा में हमले तेज कर दिए, जिसमें पिछले 24 घंटों में 78 लोग मारे गए। हमास ने गाजा में मानवीय सहायता की तत्काल जरूरत और राफा क्रॉसिंग खोलने की मांग की है। गाजा में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है, और मानवीय सहायता की कमी से स्थिति और गंभीर हो रही है।
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आगे की राह
सीजफायर वार्ता में अभी कई चुनौतियां बाकी हैं। हमास स्थायी युद्धविराम और इजरायली सैनिकों की पूरी वापसी चाहता है, जबकि इजरायल हमास के पूर्ण निरस्त्रीकरण और गाजा पर नियंत्रण की मांग कर रहा है। ट्रंप की मध्यस्थता और नेतन्याहू की वाशिंगटन यात्रा से वार्ता को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
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