Advertisment

ढोंग साबित हुआ डोनाल्ड का 'शांति दूत' बनना, ट्रंप की शह पर ही इसरायल ने किए ईरान पर हमले

ईरान पर बमवर्षा से यह आईने की तरह साफ हो गया है कि हमलों के पीछे ट्रंप की रणनीति और योजना थी। वह दुनिया को दिखाने के लिए खुद को शांति दूत साबित करते रहे और भारत-पाकिस्तान सहित अन्य देशों के बीच सीजफायर का झूठा श्रेय लूटते रहे।

author-image
Mukesh Pandit
एडिट
Trump Attack to Iran

"जब इजरायल ने ईरानपर हमला किया था, उस समय ऐसा लग रहा था कि शायद उनका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कुछ मतभेद है। ट्रंप चाहते थे कि वे हमला न करें, क्योंकि दो दिन बाद ओमान में शांति वार्ता होने वाली थी। हालांकि, इसरायल ने हमला किया, ऐसा माना गया कि इसरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी घरेलू राजनीति से ध्यान हटाने के लिए यह हमला किया, लेकिन रविवार की रात जिस तरह अमेरिका ने अत्याधुनिक बमवर्षकों ने ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज न्यूक्लियर सेंटर पर अटैक करके तबाह किया, उससे आईने की तरह साफ हो गया है कि हमलों के पीछे ट्रंप की रणनीति और योजना थी। वह दुनिया को दिखाने के लिए खुद को शांति दूत साबित करते रहे और भारत-पाकिस्तान सहित अन्य देशों के बीच सीजफायर का झूठा श्रेय लूटते रहे।

ईरान पर हमले से ट्रंप का दोहरापन उजागर

राष्ट्रपति ट्रंप के इरादों को लेकर रिटायर्ड ब्रिगेडियर डॉ विजय सागर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वकत्व देकर स्पष्ट किया है कि ईरान पर इसरायल के हमले की योजना में ट्रंप शामिल रहे। वह दुनिया को ऐसा दिखाते रहे, जैसे बिना अमेरिकी की मर्जी के बेंजामिन नेतन्याहू, ईरान पर हमले कर रहे हैं। वे कहते हैं कि लेकिन अब जब हम सभी बिंदुओं को जोड़ते हैं, तो पाते हैं कि शायद यह भी इजरायल पर हमला करने की उनकी सोची-समझी रणनीति थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल को व्हाइट हाउस में दावत पर बुलाना भी इसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

अमेरिका की कारवाई पूरी तरह गैरकानूनी

Advertisment

रक्षा विशेषज्ञ उदय भास्कर, ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं, “ईरान के परमाणु सेंटरों पर किया गया अमेरिकी हमला, ईरान-इज़राइल संघर्ष को और बढाएगा। उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को लंबे इंटरव्यू में कहा है कि इससे मध्य एशिय़ा में अशांति का माहौल तैयार गया है। दुनिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा मेरा मानना ​​है कि यह कार्रवाई, एक तरह से, गैरकानूनी है।” अन्य राजनयिकों और रक्षा विशेषज्ञों का भी मानना है कि इसरायल बिना अमेरिकी का शह के ईरान पर हमला करने की हिम्मत नहीं कर सकता था।

40,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक

उधर,  दोहा की राजधानी कतर में अलजजीरा न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में  प्रोफेसर मेहरान कामरावा कहते हैं कि यह स्पष्ट नहीं है कि रात भर अमेरिका के हमलों के बाद ईरान किस तरह की प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने खुलासा किया कि "यह क्षेत्र अमेरिकी ठिकानों से भरा हुआ है, यहां 40,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक हैं। मैंने एक बार एक ईरानी कमांडर को यह कहते हुए सुना था, 'इसका मतलब है कि 40,000 लक्ष्य हैं, जिन्हें हम मार सकते हैं'। स्पष्ट है कि अमेरिकी हमले की तैयारी में जुटा हुआ था।

Satellite image of Fordow, after the strike

Advertisment

Midnight Hammer

trump war room

अपने वोटरों को भी धोखा दिया : ईरानी विदेश मंत्री

हमलों को लेकर ईरान के विदेश मंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप को दुनिया के इस हिस्से में अमेरिका की महंगी और अंतहीन युद्धों से बाहर निकलने के वादे पर चुना गया था। "लेकिन उन्होंने न सिर्फ़ कूटनीति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का दुरुपयोग कर ईरान को धोखा दिया, बल्कि अपने वोटरों को भी धोखा दिया है।" उन्होंने इसरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की ओर इशारा करते हुए कहा, "वह एक वॉन्टेड वॉर क्रिमिनल के उद्देश्य के आगे झुक गए हैं। ऐसे व्यक्ति जो इसराइली शासन के हितों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी लोगों के जीवन और संपत्ति का शोषण कर रहे हैं।" उल्लेखनीय है कि नवंबर 2024 में आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट) ने इसरायल के प्रधानमंत्री  नेतन्याहू के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था आईसीसी ने नेतन्याहू पर ग़ाज़ा में युद्ध अपराध का आरोप लगाया था, जिसे इसराइल ने नकार दिया था

Advertisment

Trump Press confrecs

ट्रंप ने कहा,  महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई

उल्लेखनीय है कि रविवार सुबह व्हाइट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान में तीन ठिकानों पर हमले की जानकारी दी। साथ ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर हमलों की जानकारी देते हुए लिखा, "हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों, फोर्दो, नतांज और इसफाहान पर सफलता से हमले किए हैं। सारे विमान अब ईरानी एयर स्पेस से बाहर हैं। मुख्य साइट, फोर्दो पर पूरी भार क्षमता के साथ बम गिराए गए। सारे विमान सुरक्षित तरीके से घर लौट रहे हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में ऐसी और कोई सेना नहीं है जो ये कर सकती थी। अब शांति का समय आ चुका है। इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए आप सब का शुक्रिया।"

Tel Aviv

Iran Attack to tel Aviv

ईरान की जवाबी कारवाई, तेल अवीव में भारी नुकसान

अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि अमेरिका के हमले ने "ईरान के विरुद्ध खतरनाक युद्ध" की शुरुआत कर दी है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिए कि ये अमेरिका ही है, जिसने कूटनीतिक प्रक्रिया के बीच, कूटनीति को धोखा दिया।"  बयान में यह भी कहा गया कि अमेरिका का हमला यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है, अमेरिकी सरकार को "इस घृणित अपराध के गंभीर नतीजे और घातक अंजाम की पूरी जिम्मेदारी भुगतनी होगी।"

400 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं

रिपोर्ट्स के मुताबिक जवाबी कारवाई में ईरानी मिसाइल ने इसरायल में भयानक तबाही मचाई है और दावा किया गया है कि इसरायली एयर डिफेंस सिस्टम, खैबर को इंटरसेप्ट करने में नाकाम रहा है। पिछले हफ्ते शुरू हुए इसरायली हमले के बाद ईरान ने अभी तक 400 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें इसरायल पर दागी हैं, जिनमें से 40 से ज्यादा मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में इजरायली एयर डिफेंस नाकाम रहा है।  iran israel | Iran Israel Conflict | Iran Israel conflict 2025 | iran israel war | Iran Missile Attack | DonaldTrump not present in content  Isreal 

iran Isreal iran israel Iran Israel Conflict Iran Israel conflict 2025 iran israel war Iran Missile Attack trump DonaldTrump donald trump
Advertisment
Advertisment