Advertisment

आर्थिक संकटों ने कुछ अच्छे सबक सिखाए, हमें भरोसेमंद साझेदार की अहमियत पता है: S JaiShankar

एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के आर्थिक संकटों ने हमें कुछ सबक सिखाए हैं। "पहला सबक तो भरोसेमंद साझेदारों का होना है। इसके अलावा, कुछ पक्षों पर अत्यधिक निर्भरता से आने वाली कमज़ोरी भी है।" 

author-image
Mukesh Pandit
Foriegen minister S JaiSkankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर >X

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मास्को, वाईबीएन डेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के आर्थिक संकटों ने हमें कुछ सबक सिखाए हैं। "पहला सबक तो भरोसेमंद साझेदारों का होना है। इसके अलावा, कुछ पक्षों पर अत्यधिक निर्भरता से आने वाली कमज़ोरी भी है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि "भारत और रूस ने वर्तमान समय में प्रमुख देशों के बीच सबसे मज़बूत संबंधों में से एक को पोषित किया है।" विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को रूस की राजधानी मास्को पहुंचे, जहां वे तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। 

 भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव 

 जयशंकर ने यह बात ऐसे में कही जब रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव आ गया है। जयशंकर ने यह टिप्पणी मॉस्को में रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक बैठक में की। विदेश मंत्री ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में कहा कि भारत और रूस को द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाकर और अधिक संयुक्त उद्यमों के माध्यम से अपने सहयोग के ‘‘एजेंडे’’ में निरंतर विविधता लानी चाहिए और उसका विस्तार करना चाहिए। 

पुतिन की भारत यात्रा के लिए आधार तैयार करना

उन्होंने कहा, ‘‘अधिक काम करना और अलग तरीके से काम करना हमारा मंत्र होना चाहिए।’’ जयशंकर ने मंगलवार को रूस की तीन दिवसीय यात्रा की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत-रूस की ‘‘समय की कसौटी पर खरी उतरी’’ साझेदारी को और मजबूत करना है। जयशंकर-मंटुरोव की वार्ता भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सांस्कृतिक सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के ढांचे के तहत आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य इस वर्ष के अंत में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के लिए आधार तैयार करना था। 

Advertisment

रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना मकसद

मॉस्‍को में विदेश मंत्री ने भारत-रूस व्‍यापार मंच को भी संबोधित किया।रूस से तेल की खरीद को लेकर जिस तरह अमेरिका भारत पर अतिरिक्त टैरिफ थोप रहा है, ऐसे में यह दौरा भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है। आज इस यात्रा का अंतिम दिन है। विदेशमंत्री जयशंकर ने आज व्‍यापार, आर्थिक कार्य, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय और सांस्‍कृतिक सहयोग संबंधी भारत-रूस आयोग की 26वीं बैठक की सह-अध्‍यक्षता की। 

रूसी विदेश मंत्री से भी मुलाकात

रूस की तीन दिन की यात्रा के दौरान जयशंकर ने रूस के विदेशमंत्री सेर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की और द्व‍िपक्षीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर विमर्श किया। उन्होने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्‍य रूस के साथ सामरिक साझेदारी को और मजबूत करना है।  दोनों पक्षों का विचार है कि स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी  संबंध दोनों पक्षों की विकास क्षमता पूरी तरह से उजागर करने के लिए लाभदायक है, जो दोनों पक्षों के समान हित के अनुरूप है। हाल ही में, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने मॉस्‍को की यात्रा के दौरान रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से भी मुलाक़ात की थी।  India Russia Friendship | India Russia Oil Deal | India-Russia defense oil deals | India-Russia oil trade | Extra Tariff India Russia Oil 

India Russia Friendship India Russia Oil Deal India-Russia defense oil deals India-Russia oil trade Extra Tariff India Russia Oil
Advertisment
Advertisment