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काठमांडू, वाईबीएन डेस्क : विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहली बार पहुंचने वाली पर्वतारोहण टीम के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का 92 वर्ष की आयु में नेपाल में निधन हो गया। नेपाल पर्वतारोहण संघ के अध्यक्ष फुर गेलजे शेरपा ने कहा कि कांचा शेरपा शेरपा काफी समय से अस्वस्थ थे और उनका निधन होना अपूरणीय क्षति है।
र्वतारोहण समुदाय के लिए बड़ी क्षति
फुर गेलजे शेरपा ने आईएएनएस को बताया, उनके निधन के साथ पर्वतारोहियों की उस महान टीम का कोई भी जीवित सदस्य नहीं है, यह पूरे पर्वतारोहण समुदाय के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनका अंतिम संस्कार 20 अक्टूबर को शेरपा परंपरा के अनुसार किया जाना है। शेरपा के परिवार में दो बेटे दो बेटियां और उनके बच्चे हैं। वह 35 सदस्यीय टीम में शामिल थे, जिसने 29 मई, 1953 को सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे को 8,848.86 मीटर ऊंची चोटी के शिखर पर पहुंचाया था।
सिर्फ 17 साल के थे जब वे उस टीम का हिस्सा बने
मार्च 1937 में जन्मे कांचा शेरपा सिर्फ 17 साल के थे जब वे उस टीम का हिस्सा बने जिसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहली बार विजय प्राप्त की थी। बाद के वर्षों में कांचा शेरपा एक गाइड के रूप में काम करते रहे। उन्होंने 2024 में एक मीडिया साक्षात्कार के दौरान माउंट एवरेस्ट पर भीड़भाड़ और प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लोगों से उस पर्वत का सम्मान करने का आग्रह किया, जिसे शेरपा मातृदेवी के रूप में पूजते हैं। उन्होंने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि 1953 के अभियान में शेरपाओं के योगदान को व्यापक रूप से मान्यता नहीं मिली।
पर्वतारोहण के इतिहास का एक अध्याय का अंत हो गया
नेपाल पर्वतारोहण संघ ने उन्हें एक "ऐतिहासिक और महान व्यक्ति" के रूप में याद किया और कहा कि उनके निधन के साथ पर्वतारोहण के इतिहास का एक अध्याय का अंत हो गया। नेपाल पर्वतारोहण संघ ने एक शोक संदेश में कहा, "नेपाली पर्यटन उद्योग इस ऐतिहासिक और महान व्यक्ति के निधन पर शोक व्यक्त करता है। उनके न रहने से एक अपूरणीय शून्य पैदा हुआ है। नेपाल पर्वतारोहण संघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "हार्दिक संवेदना। नेपाली पर्यटन उद्योग आपको बहुत याद करेगा। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दें।
इनपुट-आईएएनएस
इनपुट-आईएएनएस