नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Iran-US confrontation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से टेलीफोन पर बातचीत की। यह वार्ता ऐसे समय पर हुई है जब ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है और मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा है- हमने मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की। हालिया तनाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली के लिए तत्काल तनाव घटाने, संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
भारत- ईरान संबंधों की प्रतिबद्धता भी जाहिर की
ISrael- Iran War: प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पेजेशकियन को नई जिम्मेदारी मिलने पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारत भारत-ईरान संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत का मानना है कि संवाद और कूटनीति ही किसी भी संघर्ष का एकमात्र समाधान हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि शांति की राह डायलॉग और डिप्लोमेसी से ही निकलेगी, इसलिए हमें इस दिशा में प्रयास जारी रखने चाहिएं। यह दोनों पक्षों के लिए अच्छा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी तेज
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अमेरिका के ईरान पर हमलों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा- यह संघर्ष नियंत्रण से बाहर हो सकता है, जिससे नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए गंभीर परिणाम होंगे। कोई सैन्य समाधान नहीं है, आगे का रास्ता केवल कूटनीति है। चीन ने भी अमेरिका की कार्रवाई को "खतरनाक मोड़" बताया। चीन की सरकारी मीडिया CGTN ने 2003 के इराक युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा- मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप ने हमेशा अस्थिरता और दीर्घकालिक संघर्ष को जन्म दिया है। संतुलन और कूटनीति ही समाधान है।
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