नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हालिया हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह हमला संभवतः इस्राइल की सैन्य अक्षमता के कारण हुआ है, क्योंकि इस्राइल खुद यह कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं था। जनरल केजेएस ढिल्लों ने कश्मीर में अपने लंबे सैन्य कार्यकाल के दौरान, उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ कई प्रभावशाली अभियानों का नेतृत्व किया।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम है वजह
जनरल ढिल्लों ने यह भी कहा कि
अमेरिका ने यह हस्तक्षेप ईरान के परमाणु कार्यक्रम के चलते किया है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। उनका मानना है कि इस संघर्ष में ईरान खुद को अलग-थलग महसूस कर रहा है, क्योंकि सभी देश उस पक्ष के साथ खड़े होना चाहते हैं जो विजयी हो। भारत की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने साफ किया कि भारत कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं कर सकता और यह भारत की स्पष्ट विदेश नीति का हिस्सा है।
ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते युद्ध के बीच जनरल ढिल्लों का यह बयान भारत की कूटनीतिक स्थिति को स्पष्ट करता है।
जनरल ढिल्लों के बारे में जानिए
लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह "टिनी" ढिल्लों भारतीय सेना के एक सम्मानित और सेवानिवृत्त जनरल ऑफिसर हैं, जिन्होंने देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। वे 9 मार्च 2020 से 31 जनवरी 2022 तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के अधीन रक्षा खुफिया एजेंसी (DG DIA) के महानिदेशक और एकीकृत रक्षा स्टाफ (खुफिया) के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत रहे। इससे पहले, वे 15वीं कोर (चिनार कोर) के कमांडर रहे, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों की अगुवाई करती है। न्यूज ऑन एयर के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों को उस समय विशेष रूप से जाना गया जब उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले के दोषियों को सिर्फ 100 घंटे के भीतर मार गिराया।
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