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ढाका, वाईबीएन डेस्क : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के खिलाफ एक बार फिर जहर उगला। न्यूयॉर्क में आयोजित एक सभा में यूनुस ने भारत पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण देने को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शेख हसीना वही नेता हैं, जिनकी नीतियों ने बांग्लादेश में अनेक समस्याओं को जन्म दिया और भारत द्वारा उन्हें समर्थन दिए जाने से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा है।
भारत पर लगाए यह गंभीर आरोप
इसके अलावा यूनुस ने भारत पर "फर्जी खबरें फैलाने" का भी आरोप लगाया। जर्मन मीडिया नेटवर्क Deutsche Welle से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कोई सुनियोजित हिंसा नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत की सबसे बड़ी विशेषता फेक न्यूज फैलाना बन गई है। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, उस वर्ष बांग्लादेश में हिंदुओं को लक्षित करते हुए करीब 2,200 हमले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा, नवंबर 2024 में करीब 30,000 हिंदू नागरिकों ने ढाका में यूनुस की अंतरिम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाएं सामने आई थीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार को "बर्बर" करार दिया था। शेख हसीना के पद से हटने के बाद, बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाएं सामने आई थीं, जिसके बाद भारत ने बार-बार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। गौरतलब है कि इसी वर्ष अगस्त में जन्माष्टमी के मौके पर यूनुस ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि "हमें समाज में भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द को कमजोर नहीं होने देना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं हमें आपसी सद्भाव बनाए रखने की प्रेरणा देती हैं। हालिया बयानों से यह स्पष्ट है कि मोहम्मद यूनुस की टिप्पणियां न केवल बांग्लादेश के भीतर, बल्कि भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों में भी नई बहस को जन्म दे सकती हैं।
mohammad yunus | India