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Nikki Haley Warning
वाशिंगटन,वाईबीएन डेस्क।संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं निक्की हेली ने अचानक अपना स्टैंड बदल लिया है। भारत से रिश्तों को लेकर पहले डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी देने वाली रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने कहा है कि भारत को रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए और इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए व्हाइट हाउस के साथ मिलकर काम करना चाहिए। ट्रंप प्रशासन रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत की कड़ी आलोचना करता रहा है।
चीन की आलोचना नहीं कर रहा अमेरिका
दिलचस्प बात यह है कि वाशिंगटन रूसी कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक चीन की आलोचना नहीं कर रहा है। रूस से कच्चे तेल की अपनी खरीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है। भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेता हेली ने ‘एक्स’ पर चार दिन पहले न्यूजवीक के लिए लिखे अपने लेख का एक अंश पोस्ट किया। साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर ने सोशल मीडिया पर नयी दिल्ली से रूसी कच्चे तेल पर राष्ट्रपति ट्रंप की चिंताओं को गंभीरता से लेने का आग्रह करते हुए यह पोस्ट ऐसे समय किया है जब इस लेख के बाद उन्हें अपनी पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ा है।
भारत का पक्ष लेने के लिए विरोध का सामना किया
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने कहा कि भारत को रूसी तेल पर ट्रंप की बात को गंभीरता से लेना चाहिए और समाधान खोजने के लिए व्हाइट हाउस के साथ काम करना चाहिए। हेली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, व्यापार संबंधी मतभेदों और रूसी तेल आयात जैसे मुद्दों से निपटने के लिए कठोर बातचीत की आवश्यकता है।’ उनका लेख राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में आए तनाव पर था। हेली को दोनों देशों के बीच शुल्क को लेकर तनाव के बीच भारत का पक्ष लेने के लिए अपनी पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
दशकों पुरानी ‘मित्रता और सद्भावना’ पर प्रकाश डाला
उन्होंने अपने लेख में कहा था कि भारत के साथ एक अहम स्वतंत्र और लोकतांत्रिक साझेदार की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए, न कि चीन जैसे विरोधी की तरह। हेली ने लिखा, एशिया में चीनी प्रभुत्व को चुनौती देने वाले एकमात्र देश के साथ 25 वर्षों की गति को बाधित करना एक रणनीतिक आपदा होगा। उन्होंने विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों, भारत और अमेरिका के बीच दशकों पुरानी ‘मित्रता और सद्भावना’ पर प्रकाश डाला। हेली ने कहा, ‘‘यह मौजूदा उथल-पुथल से आगे बढ़ने के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है।"
साझा लक्ष्यों को नज़रअंदाज़ नहीं करे भारत
उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत को ‘सबसे महत्वपूर्ण बात, यानी हमारे साझा लक्ष्यों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। चीन का सामना करने के लिए अमेरिका के पास भारत के रूप में एक मित्र होना चाहिए।’’ हेली ने अपने लेख में कहा, ‘‘ भारत अकेले ही चीन जैसे पैमाने पर उन उत्पादों का निर्माण करने की क्षमता रखता है, जिनका यहां (अमेरिका में) शीघ्रता से या कुशलतापूर्वक उत्पादन नहीं किया जा सकता।’’ ट्रंप के राष्ट्रपति के तौर पर पहले कार्यकाल में साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर हेली संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं और अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनीं। : Nikki Haley India | India-America relations | india america relationship | tarrif | us india | us india news | us india tariff