नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) में पंजाब सरकार द्वारा सार्वजनिक अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने की योजना के खिलाफ यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन (YDA) ने हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे रावलपिंडी के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन थिएटर तक बंद कर दिए गए हैं। इस हड़ताल का असर हजारों मरीजों पर पड़ा है, जिन्हें इलाज के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
तीन बड़े अस्पतालों में ओपीडी ठप
वाईडीए के आह्वान पर होली फैमिली अस्पताल, बेनजीर भुट्टो अस्पताल और रावलपिंडी टीचिंग अस्पताल में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अस्पतालों में आए मरीज घंटों लाइन में लगने के बाद बिना इलाज के लौटने को मजबूर हो रहे हैं।
प्रशासन का रवैया उदासीन
सूत्रों के मुताबिक, संभागीय प्रशासन ने अस्पतालों का दौरा तो किया, लेकिन डॉक्टरों से वार्ता की कोई ठोस कोशिश नहीं की गई। वाईडीए बीबीएच के अध्यक्ष डॉ. आरिफ अजीज ने स्थानीय बताया कि हड़ताल के नौ दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई संपर्क नहीं किया गया।
मामला वेतन का नहीं, जनहित का है
डॉ. अज़ीज़ ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन वेतन या सुविधाओं को लेकर नहीं है, बल्कि अस्पतालों की आउटसोर्सिंग के खिलाफ है। उनका कहना है कि यदि अस्पताल निजी हाथों में चले गए तो गरीब मरीज सस्ती चिकित्सा सेवाओं से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने मांग की है कि जब तक सरकार इस योजना को औपचारिक रूप से रद्द नहीं करती, तब तक ओपीडी सेवाएं बहाल नहीं होंगी।
ऑपरेशन थिएटर बंद, प्रदर्शनकारियों पर FIR
पुलिस द्वारा विरोध स्थल हटाए जाने के बाद, डॉक्टरों ने कई अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर भी बंद कर दिए। इसके साथ ही पुलिस ने लगभग 200 से 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। वाईडीए के अध्यक्ष डॉ. आतिफ मजीद ने इसे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई बताया।
लाहौर में बड़ा आंदोलन करने की तैयारी
वाईडीए की पंजाब इकाई ने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार पीछे नहीं हटी तो वे लाहौर की मुख्य सड़कों पर धरना देंगे और राजधानी को पूरी तरह बंद कर देंगे। ताकि पंजाब सरकार को प्रांत में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को आउटसोर्स करने के निर्णय की समीक्षा करने के लिए मजबूर किया जा सके।