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नई दिल्ली, आईएएनएस। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित आठ मामलों में दाखिल जमानत याचिका मंजूर कर ली है। इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के नेताओं, समर्थकों और देश की राजनीति के लिए यह निर्णय बेहद अहम है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पूर्व प्रधानमंत्री की जमानत पर फैसला सुनाया है। पीठ में न्यायमूर्ति मुहम्मद शफी सिद्दीकी और मियांगुल हसन औरंगजेब भी शामिल थे।
हाईकोर्ट के टिप्प्णियों पर उठाए थे सवाल
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू की। पूर्व पीएम इमरान खान की तरफ से सलमान सफदर ने पैरवी की। पंजाब के विशेष अभियोजक जुल्फिकार नकवी ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश अफरीदी ने नकवी से पूछा, "आपने लाहौर उच्च न्यायालय का फैसला पढ़ा होगा। क्या जमानत के मामले में अंतिम टिप्पणी की जा सकती है?" बता दें कि 12 अगस्त को सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों पर सवाल उठाए थे और कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय किसी भी पक्ष के मामले को प्रभावित न करने के लिए कानूनी निष्कर्षों पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला इमरान खान की जीत
पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को 'इमरान खान की जीत' बताया है। नवंबर 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित मामलों में इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) ने भी 24 जून को इमरान खान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जेल में बंद पीटीआई नेता ने अपने वकीलों के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में जमानत की याचिका दाखिल की थी। इमरान खान पर कई अन्य मामले भी चल रहे हैं, जिनमें सरकारी उपहारों से संबंधित 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार मामले में, वह अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं।
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