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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय ब्राजील यात्रा पर हैं, जहां वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इस अहम मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद हैं। सम्मेलन के दौरान और उसके इतर भारत की ओर से कई अहम द्विपक्षीय बैठकों को अंजाम दिया गया। सम्मेलन में पीएम मोदी ने वैश्विक आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया और कहा कि इसकी निंदा केवल "सुविधाजनक" नहीं बल्कि "सैद्धांतिक" रूप से होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक व्यवस्था अब बदलाव चाहती है। मोदी ने कहा, "20वीं सदी के टाइपराइटर से 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर नहीं चल सकता।"
एकतरफा टैरिफ और फिलिस्तीन पर ब्रिक्स की चिंता
ब्रिक्स नेताओं ने एकतरफा टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों पर गहरी चिंता जताई, जिसे अमेरिका की नीति पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी माना जा रहा है। इसके अलावा ब्रिक्स ने फिलिस्तीन में बिगड़ते हालात और वैश्विक ध्रुवीकरण पर चिंता व्यक्त की।
भारत-रूस के रिश्तों की मजबूती
ब्रिक्स सम्मेलन से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। दोनों नेताओं ने भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को लेकर विस्तार से चर्चा की। इससे पहले भी इनकी मुलाकात फरवरी 2025 में दक्षिण अफ्रीका में हुई थी।
पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकातें
पीएम मोदी ने मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल से भी द्विपक्षीय बैठक की और कई अहम मुद्दों पर बातचीत की।
ब्रिक्स मंच से भारत की वैश्विक भूमिका उजागर
भारत ने सम्मेलन में आतंकवाद की निंदा करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का विशेष उल्लेख किया। पीएम मोदी के भाषण और भारत की सक्रियता ने ब्रिक्स मंच पर देश की वैश्विक भूमिका को और भी मजबूती से स्थापित किया।
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