नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय फ्रांस और अमेरिका की महत्वपूर्ण यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत करना है। इस यात्रा से भारत को कई क्षेत्रों में लाभ मिलने की उम्मीद है, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा भी होगी।
फ्रांस यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा पर हैं, जहां वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ 'एआई एक्शन समिट' की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेता और प्रौद्योगिकी सीईओ शामिल होंगे, जो समावेशी, सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से नवाचार और सार्वजनिक भलाई के लिए एआई प्रौद्योगिकी के लिए सहयोगी दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श करेंगे। इसके अलावा, दोनों नेता 2047 तक भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के रोडमैप की समीक्षा करेंगे और मार्सिले में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे।
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अमेरिका यात्रा
फ्रांस की अपनी यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी 12-13 फरवरी को अमेरिका की यात्रा करेंगे, जो राष्ट्रपति ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के दौरान उनकी पहली यात्रा होगी। इस यात्रा का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला जैसे प्रमुख क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच साझेदारी को और गहरा करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह यात्रा उनके पहले कार्यकाल के दौरान सहयोग की सफलताओं को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगा।
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ट्रम्प के साथ चर्चा के संभावित मुद्दे
- व्यापार और निवेश: दोनों नेता टैरिफ में कटौती और व्यापार संबंधों को संतुलित करने के लिए अमेरिकी निर्यात को प्रोत्साहित करने पर चर्चा कर सकते हैं। भारत इलेक्ट्रॉनिक, सर्जिकल, मेडिकल उपकरण और रासायनिक उत्पादों पर टैरिफ में छूट देने की योजना बना रहा है, जिससे अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
- रक्षा सहयोग: रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश रक्षा उपकरणों की खरीद, संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर चर्चा कर सकते हैं। इससे भारत की रक्षा क्षमताएं बढ़ेंगी और क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग मजबूत होगा।
- ऊर्जा साझेदारी: अमेरिका भारत का छठा सबसे बड़ा ऊर्जा व्यापार साझेदार है। इस यात्रा के दौरान ऊर्जा आयात बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार: दोनों नेता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं, जिससे दोनों देशों के तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- शिक्षा और सांस्कृतिक संबंध: शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए नई पहलों पर विचार किया जा सकता है, जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच समझ और सहयोग बढ़ेगा।
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