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Delhi election results 2025: चुनाव में बसपा और माकपा को मिले नोटा से भी कम वोट, जमानत जब्त

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एएमआईएम और चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टी को भी कुछ हाथ नहीं लग सका।

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Dhiraj Dhillon
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NOTA Photograph: (Google)

नई दिल्ली वाईबीएन नेटवर्क।

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) का हश्र बहुत बुरा हुआ है। इन दोनों पार्टियों को विधानसभा चुनाव में नोटा से भी कम वोट मिले हैं। हालांकि कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एएमआईएम और चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टी (लोजपा) को भी कुछ हाथ नहीं लग सका। दूसरी ओर 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता लौटी भाजपा चुनाव परिणामों से गदगद है और अपनी जीत का जश्न मना रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस जीत को सेलीब्रेट करने के लिए सात बजे पार्टी कार्यालय पहुंच रहे हैं।

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राष्ट्रीय पार्टियां हैं बसपा और माकपा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में नोटा से हारने वाली बसपा और माकपा, दोनों राष्ट्रीय पार्टियां हैं। चुनाव आयोग की ओर से दोपहर तक जारी आंकड़ों के मुताबिक नोटा के विकल्प को 0.57 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया, जबकि बहुजन समाज पार्टी को 0.55 प्रतिशत और माकपा को 0.01 प्रतिशत वोट ही मिल सके। बसपा सुप्रीमो चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं लेकिन अब लोकसभा में उनका एक भी सदस्य नहीं है, उत्तर प्रदेश  विधानसभा में भी बसपा का यही हाल है। 

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बसपा 68 और एनसीपी ने उतारे थे 30 प्रत्याशी

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मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने तो इस चुनाव में 68 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन किसी भी सीट पर उनका उम्मीदवार तीसरे स्थान नंबर पर भी नहीं पहुंच सका। बसपा को इस चुनाव में मात्र 0.60 प्रतिशत वोट मिले। अजित पवार की पार्टी ने चुनाव 30 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सभी उम्मीद मुकाबले के बाहर रहे और महज 0.03 वोट ही पा सके। देवली विधानसभा सीट से लोजपा ने और बुराड़ी से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपना प्रत्याशी उतारा था लेकिन दोनों कहां गुम हो गए, पता ही चला। बता दें कि लोजपा और जदयू एनडीए गठबंधन से चुनाव मैदान में थे।

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कम्यूनिस्ट पार्टियों से तीन गुना वोट नोटा को

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चुनाव आयोग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और जनता दल (यूनाइटेड) को भी क्रमश: मात्र 0.01 प्रतिशत और 0.53 फीसदी वोट ही मिले है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने दिल्ली विधानसभा में विधानसभा सीट और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा था, मुस्तफाबाद में उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर रही। तीन कम्यूनिस्ट पार्टियों को इस चुनाव में कुल मिलाकर 0.02 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं, जबकि नोटा को 0.6 प्रतिशत वोट मिले हैं।

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