वेटिकन सिटी, आईएएनएस। पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया। उनका निधन वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित उनके निवास स्थान पर हुआ। कार्डिनल केविन फेरेल, वेटिकन कैमरलेन्गो ने कहा, "सोमवार सुबह 7:35 बजे, रोम के बिशप फ्रांसिस पिता के घर लौट गए। उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहर दुख व्यवक्त किया है।
पोप ने मूल्यों, साहस और प्रेम के साथ जीना सिखाया
कैमरलेन्गो ने कहा कि
पोप फ्रांसिस ने हमें मूल्यों, साहस और सार्वभौमिक प्रेम के साथ जीना सिखाया, खासकर सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर पड़े लोगों के लिए। वह 88 वर्ष के थे और अपने 12 साल के पोप कार्यकाल में वह कई बीमारियों से पीड़ित रहे। फ्रांसिस, पुरानी फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। युवावस्था में उनके एक फेफड़े का हिस्सा निकाल दिया गया था। उन्हें 14 फरवरी, 2025 को सांस की तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो बाद में डबल निमोनिया में बदल गया। उन्होंने अस्पताल में 38 दिन बिताए।
ये रहा पोप का आखिरी संबोधन
रविवार को
पोप फ्रांसिस ने ईस्टर संडे के अपने संबोधन में विचार की स्वतंत्रता और सहिष्णुता का आह्वान किया। बेसिलिका की बालकनी से 35,000 से अधिक लोगों की भीड़ को ईस्टर की शुभकामनाएं देने के बाद, फ्रांसिस ने अपने पारंपरिक "उर्बी एट ओर्बी" ("शहर और दुनिया के लिए") आशीर्वाद को पढ़ने का काम एक सहयोगी को सौंप दिया। उन्होंने भाषण में कहा , "धर्म की स्वतंत्रता, विचार की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दूसरों के विचारों के प्रति सम्मान के बिना शांति नहीं हो सकती है।" उन्होंने "चिंताजनक" यहूदी-विरोध और गाजा में 'नाटकीय और निंदनीय' स्थिति की भी निंदा की।
दुनिया उन्हें करुणा, विनम्रता के लिए रखेगी याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहर दुख व्यवक्त किया। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस को दुनिया में करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के लिए याद रखा जाएगा। पीएम मोदी ने एक्स पर अपने शोक संदेश में कहा, "परम पावन पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।" उन्होंने कहा, "पोप फ्रांसिस को दुनिया भर में लाखों लोग करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में हमेशा याद रखेंगे।"