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Pope Francis से मिले मिले उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, प्रवासन नीति पर बहस के बीच मुलाकात अहम

ऐसे में दुनिया की दो बड़ी शख्सियत, जेडी वेंस और पोप फ्रांसिस की मुलाकात के तमाम मायने हो सकते हैं। जानकार इस मुलाकात को सुखद पहल के रूप में देख रहे हैं।

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Dhiraj Dhillon
पोप फ्रांसिस से मिले मिले उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, प्रवासन नीति पर बहस के बीच मुलाकात अहम

Photograph: (Google)

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वेटिकन सिटी, वाईबीएन नेटवर्क। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ईस्टर संडे के अवसर पर वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। यह भेंट ऐसे समय पर हुई है जब पोप स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और वैश्विक स्तर पर प्रवासन नीति को लेकर नए सिरे से बहस तेज हो गई है। ऐसे में दुनिया की दो बड़ी शख्सियत की मुलाकात के तमाम मायने हो सकते हैं। जानकारी इस मुलाकात को सुखद पहल के रूप में देख रहे हैं।

बीमार पोप से मुलाकात के प्रतीकात्मक मायने

पोप फ्रांसिस, जो फिलहाल न्यूमोनिया से उबर रहे हैं, ईस्टर मास समारोह में व्यक्तिगत रूप से भाग नहीं ले सके और उनकी ओर से एक अन्य कार्डिनल ने अनुष्ठान का नेतृत्व किया। इसी दौरान वेंस की गाड़ी वेटिकन के साइड गेट से अंदर पहुंची और पोप के होटल निवास के पास जाकर रुकी। दोनों नेताओं के बीच कुछ मिनटों की मुलाकात में ईस्टर की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान हुआ। हालांकि, इस मुलाकात का समय और संदर्भ इसे सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट से कहीं अधिक लग रहा है।

प्रवासन नीति को लेकर मतभेद

यह भेंट उस पृष्ठभूमि में हुई है जब वेंस और पोप के दृष्टिकोण प्रवासन के मुद्दे पर स्पष्ट रूप से अलग हैं। पोप फ्रांसिस ने हमेशा प्रवासियों के अधिकारों और मानवीय गरिमा की रक्षा को प्राथमिकता दी है, जबकि वेंस और ट्रंप प्रशासन प्रवासन पर सख्त नियंत्रण और बड़े पैमाने पर निर्वासन नीतियों का समर्थन करते रहे हैं।यह मुलाकात वैश्विक स्तर पर बढ़ती राष्ट्रवादी नीतियों और मानवीय मूल्यों के बीच खींची जा रही रेखाओं का प्रतीक भी मानी जा सकती है।

धार्मिक आस्था और राजनीतिक समीकरण

जेडी वेंस ने 2019 में कैथोलिक धर्म अपनाया था। उनके लिए वेटिकन के साथ संबंध बनाना व्यक्तिगत आस्था और राजनीतिक समीकरणों दोनों का हिस्सा माना जा रहा है। शनिवार को वेंस ने वेटिकन के विदेश मंत्री और सचिव ऑफ स्टेट से भी मुलाकात की थी, जो यह संकेत देता है कि अमेरिकी प्रशासन वेटिकन के साथ अपने संबंधों को औपचारिक रूप से भी मजबूत करना चाहता है, भले ही नीति स्तर पर मतभेद क्यों न हों।

भविष्य के लिए बड़ा संकेत है यह मुलाकात

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात आने वाले समय में अमेरिका और वेटिकन के बीच प्रवासन, मानवाधिकार और वैश्विक सहयोग जैसे मुद्दों पर होने वाली चर्चाओं की दिशा तय कर सकती है। वेटिकन, जो नैतिक नेतृत्व का वैश्विक प्रतीक है, और अमेरिका, जो विश्व राजनीति का प्रमुख खिलाड़ी है, इन दोनों के बीच संबंधों में होने वाला कोई भी बदलाव व्यापक असर डाल सकता है।
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