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SCO meeting: राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश, बोले- आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा भारत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ बैठक में आतंकवाद के खिलाफ भारत का कड़ा रुख प्रस्तुत किया, कहा- आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को परिणाम भुगतना होगा।

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Dhiraj Dhillon
Rajnath Singh in SCO Meeting

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। SCO Meeting News: China के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत के Defence Minister Rajnath singh ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने, पोषित करने और अपने संकीर्ण व स्वार्थी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने वाले देशों को इसके परिणाम भुगतने होंगे।
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आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट रुख

राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति का साधन बनाते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंड बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।उन्होंने जोर देकर कहा, “एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।” भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति उनके इस बयान में साफ झलकती है- “हमने दिखा दिया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं। भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने के अधिकार का प्रयोग करेगा और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने में संकोच नहीं करेगा।” यह बयान उन्होंने चीन की धरती पर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की मौजूदगी में दिया, जो भारत के साहसिक और दृढ़ रुख को दर्शाता है।

वैश्विक सहयोग की अपील

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राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि आतंकवाद राष्ट्रीय सीमाओं का सम्मान नहीं करता। इसके खिलाफ पारदर्शिता, आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित एकजुट प्रतिक्रिया जरूरी है। उन्होंने भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि देश आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए संकल्पित है।

आतिथ्य के लिए चीन की सराहना की

इस बैठक में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस के रक्षा मंत्री शामिल थे। राजनाथ सिंह ने मेजबान चीन के आतिथ्य की सराहना की और बेलारूस को एससीओ के नए सदस्य के रूप में स्वागत किया। 
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वैश्विक चुनौतियों पर विचार

आतंकवाद के अलावा, राजनाथ सिंह ने वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कोई भी देश, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली हो, अकेले सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। सहयोग ही इसका आधार है।” प्राचीन संस्कृत सूक्ति “सर्वं जनाः सुखिनो भवन्तु” का उल्लेख करते हुए उन्होंने शांति और समृद्धि की कामना व्यक्त की।

द्विपक्षीय वार्ताएं और मीटिंग का महत्व

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बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने रूस, बेलारूस, चीन और कजाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। शाम को सभी रक्षा मंत्री चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले। यह दौरा भारत-चीन संबंधों के लिए भी अहम है, क्योंकि अक्टूबर 2024 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के समझौते के बाद यह पहला मंत्रिस्तरीय दौरा है।
china India defence minister rajnath singh
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