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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पहली सीधी मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में होने जा रही है। दुनियाभर की नजरें इस बैठक पर टिकी हैं, लेकिन इससे पहले ही ट्रंप के एक बयान ने बहस छेड़ दी है।
जानें डोनबास- क्रीमिया पर अमेरिका क्या चाहता है
Trump- Putin: ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अगर यूक्रेन को अपनी खोई हुई जमीन वापस चाहिए, तो उसे रूस के कुछ क्षेत्रों का त्याग करना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका यूरोपीय नेताओं को डोनबास और 2014 में कब्जाए गए क्रीमिया पर रूस की पकड़ मानने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है।
इन क्षेत्रों पर स्थाई कब्जा चाहता है रूस
रूस का लक्ष्य डोनेत्स्क और लुहांस्क जैसे औद्योगिक और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर क्षेत्रों पर स्थायी कब्जा करना है। वहीं, ट्रंप की टीम की एक योजना के तहत रूस जैपोरिज्जिया और खेरसॉन में कब्जाए क्षेत्रों से पीछे हट सकता है, लेकिन इसके बदले यूक्रेन को नाटो और यूरोपीय संघ में शामिल न होने की शर्त माननी पड़ सकती है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने साफ कहा है कि उनके बिना कोई भी समझौता "मृत निर्णय" होगा। यूरोपीय संघ ने भी बिना यूक्रेन की भागीदारी के किसी समझौते से इनकार किया है।
रूस के साथ बफर जोन की मांग कर सकता है यूक्रेन
पर्दे के पीछे चल रही चर्चाओं के अनुसार, अगर संघर्ष विराम होता है, तो यूक्रेन पश्चिमी देशों से सुरक्षा गारंटी और रूस के साथ बफर जोन बनाने की मांग कर सकता है। यह बैठक रूस-यूक्रेन युद्ध के भविष्य को तय करने में अहम साबित हो सकती है। russia ukraine war | Russia Ukraine latest news | Russia Ukraine war Hindi analysis | russia ukraine war hindi news live | donald trump | vladimir putin